संचार घोटाले के सजायाफ्ता सुखराम की अपील पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
संचार घोटाले में सजायाफ्ता पूर्व संचार मंत्री और कांग्रेसी नेता सुखराम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई नहीं करेगा। सुखराम ने घोटाले में तीन साल की सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है।
सोमवार को 2012 में दाखिल अपील पर जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुखराम अभी जमानत पर हैं और इसलिए इस पर जल्द सुनवाई की जरूरत नही है।
सुखराम की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए।
दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 91 साल के पूर्व संचार मंत्री सुखराम अभी ज़मानत पर हैं। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर 2011 को निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए सुखराम को 5 जनवरी को ट्रायल कोर्ट के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया था ताकि सजा काटने के लिए उन्हें जेल भेजा जा सके। यह मामला एआरएम को लाभ पहुंचाने के लिए की गई संचार उपकरणों की सरकारी खरीद से जुड़ा है।जिसके ख़िलाफ़ सुखराम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
दिल्ली की निचली अदालत ने 1993 के संचार घोटाले से जुड़े एक मामले में 86 वर्षीय पूर्व कांग्रेसी नेता सुखराम को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में दस दिन तिहाड़ जेल में रहने के बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। सुखराम और संचार विभाग के पूर्व अफसर रुनू घोष अलावा मामले के एक अन्य दोषी हैदराबाद स्थित एडवांस रेडियो मास्ट्स [एआरएम] प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी रामाराव ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दे रखी है। है।