लायर्स कलेक्टिव ने गौरी लंकेश को दी श्रद्धांजलि, कहा कानून के राज की रक्षा करेंगे

Update: 2017-09-13 09:09 GMT

मानवाधिकार जैसे मुद्दों के लिए लडने वाले गैर सरकारी संगठन लायर्स कलेक्टिव ने गौरी लंकेश पत्रिके की संपादक गौरी लंकेश की हत्या को कायरता बताते हुए इसकी निंदा की है और संकल्प लेते हुए कहा है कि वो कानून का राज्य की रक्षा करने के लिए लडाई जारी रखेगा और तर्कसंगत विचारों के साथ रहेगा।

इंदिरा जयसिंह के NGO LC ने गौरी लंकेश को

राज्य की प्रगतिविरोधी नीतियों के खिलाफ असंतोष की सक्रिय आवाज के तौर पर येाद किया। NGO ने कहा है कि वो विरोध करने की आजादी को लेकर एकजुट है वो भी एेसे दौर में जब विरोध में बोलने से हत्या भी हो सकती है।

गौरी लंकेश की पांच सितंबर को बंगलुरू में उनके घर के बाहर ही कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

गौरी लंकेश को श्रद्धांजलि देते हुए इंदिरा जयसिंह, उनके पति आनंद ग्रोवर समेत ट्रस्टियों ने कहा कि बोलने की आजादी के सभी चैंपियनों को एक साथ खडे होने का वक्त आ गया है।

हत्या के बाद के हालात को सदमे और क्लेश का

का वक्त बताते हुए ये संकल्प लिया गया कि जब वो हमें चुप करने की कोशिश करें, हमें और जोर से बोलना चाहिए। संगठन ने उन लोगों को भी याद किया जिनकी असंतोष की आवाज को अज्ञात लोगों ने शांत कर दिया।

इस मौके पर कहा गया कि गौरी की हत्या को अलग से नहीं देखना चाहिए बल्कि असंतोष की आवाज को शांत कराने का ये एक पैटर्न है जिसमें नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनसरे और एम एम कलबुर्गी की हत्या को भी शामिल करना चाहिए जो सभी बोलने की आजादी के पक्षकार थे। ये हत्याएं भी अज्ञात लोगों ने की और ये मामले आज तक अनसुलझे हैं।

ये हत्याएं असंतोष की आवाज को शांत कराने के लिए एक जैसी घटनाएं हैं और इसे लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। खासतौर से उस समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं जो अभी भी लोकतंत्र में भरोसा करते हैं। ये घटनाएं संविधान के दिए विचारों पर हमला हैं। इनका विरोध करते हुए और खिलाफत करते हुए संगठन ये सुनिश्चित करता है कि  लोगों के समुदाय के तौर पर विरोध प्रकट करने की पूरी आजादी है। गौरी को श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए संगठन रूल ऑफ लॉ की रक्षा करने और असंतोष की आवाज को शांत करने की निंदा करने का प्रण लेता है।

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