नीतीश कुमार को अयोग्य करार देने की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा चुनाव आयोग से पूछा पक्ष
सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग से उसका पक्ष पूछा है। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने याचिकाकर्ता वकील को दो हफ्ते में याचिका की कॉपी चुनाव आयोग को देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद करेगा।
दरअसल वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर कहा है कि 2004 से 2012 के दौरान नीतीश कुमार ने हलफ़नामे में ये खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। याचिका में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार ने अपने हलफनामे में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है। इसलिए नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए। याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की गई है।
इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीतीश ने 2004 और 2012 के बीच अपने हलफनामों में उनक पर हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का खुलासा नहीं किया है। याचिका के अनुसार नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने के बाद संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते और उन्हें अयोग्य करार दिया जाए।