24 साल बाद मुंबई को मिला इंसाफ, टाडा कोर्ट ने दो को फांसी दी, सलेम समेत दो को उम्रकैद
12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में गुरुवार को मुंबई की स्पेशल टाडा कोर्ट ने 24 साल बाद बडा फैसला सुनाते हुए अबू सलेम को उम्रकैद के साथ साथ ताहिर मर्चेन्ट और फिरोज़ खान को मौत की सजा सुनाई है। अबू सलेम के अलावा करीमुल्लाह खान को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पांचवे दोषी रियाज़ सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई। सलेम और करीमुल्ला पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। छठे दोषी की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि 16 जून 2017 को टाडा कोर्ट ने इस केस में अबू सलेम समेत 6 को दोषी करार दिया था। इनमें से मुस्तफा दौसा की 28 जून को हार्टअटैक से मौत हो गई थी।
दरअसल गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि होने की वजह से कोर्ट सलेम को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दे सकती। सजा पर बहस के दौरान प्रॉसिक्यूशन ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी।
दरअसल 12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों में बड़ी मात्रा में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। पहले दौर में दिए गए फैसले में अदालत ने 100 लोगों को दोषी पाया था, जिन्हें फांसी और उम्रकैद की सजा हुई थी। इन धमाकों में 27 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। अभी इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन समेत 27 आरोपी फरार हैं।
कोर्ट के फैसले के अनुसार अबु सलेम जनवरी 1993 में गुजरात के भरूच गया था। उसके साथ दाऊद गैंग का एक और गुर्गा था। उसे हथियार, एक्सप्लोसिव्स और गोला-बारूद लाने के लिए भेजा गया था। सलेम को वहां 9 एके-56, 100 हैंड ग्रेनेड और गोलियां दी गईं। सलेम एक मारुति वैन के अंदर यह सामान छुपाकर गुजरात से भरूच लाया था। यह मारुति वैन रियाज सिद्दीकी ने मुहैया कराई थी। वैन संजय दत्त के घर पर गई थी। 16 जनवरी 1993 को सलेम दो और लोगों के साथ मिलकर संजय दत्त के घर 2 एके-56 राइफलें और 250 गोलियां छोड़कर आया था। दो दिन बाद उसने यह हथियार वहां से उठा लिया था। सलेम को हमले के लिए गुजरात से हथियार मुंबई लाने-बांटने, साजिश रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का दोषी पाया गया।
टाडा कोर्ट ने ताहिर मर्चेंट को कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने का दोषी करार दिया। जबकि फिरोज अब्दुल राशिद खान को दुबई में हुई मीटिंग में शामिल होने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने दोषी माना तो करीमउल्ला शेख को अपने दोस्त को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिलवाने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने का दोषी करार दिया गया। रियाज सिद्दीकी को एक्सप्लोसिव लाने के लिए अबु सलेम को अपनी कार देने का दोषी करार दिया। जबकि अब्दुल कय्यूम को संजय दत्त के पास हथियार पहुंचाने के लिए आरोपी बनाया गया था। इसे बरी कर दिया गया। जांच के मुताबिक इस मामले में 27 आरोपी अभी भी फरार हैं। दोसा, टाइगर मेमन और छोटा शकील ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग कैम्प ऑर्गनाइज कराए थे। हथियारों की ट्रेनिंग के लिए अपने गुर्गों को दुबई के रास्ते पाकिस्तान भेजा था। ब्लास्ट कराने से पहले दुबई और बाकी जगहों पर 15 मीटिंग्स की गईं। मुस्तफा दोसा को रायगढ़ में आरडीएक्स पहुंचाने समेत आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने और साजिश रचने का दोषी होने से साथ टाडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया। दोसा को भारत में आरडीएक्स लाने का भी दोषी पाया गया। कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद 28 जून को उसकी मौत हो गई थी।