सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ को फ्लैट के पैसे वापस करे पार्श्वनाथ डवलपर्स : सुप्रीम कोर्ट
सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ और पार्श्वनाथ डवलपर्स के बीच गुरुग्राम के फ्लैट को लेकर समझौता ना होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डवलपर्स को राजवर्धन राठौड़ का पैसा वापस करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा , सोमवार को जस्टिस ए एम खानवेलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच को पार्श्वनाथ ने डवलपर्स बताया कि उन्होंने कुछ पैसे राजवर्धन राठौड़ को पहले दे दिए हैं और कुछ पैसों का उन्होंने चेक दिया है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डवलपर्स को चेतावनी दी है कि अगर चेक समय सीमा के भीतर कैश नही हुए तो डायरेक्टर पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा। इतना ही नही 50 लाख जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राजवर्धन राठौड़ को कहा है कि अगर पैसे कैश यही होते तो केस की फिर से सुनवाई के लिए वो अर्जी दाखिल कर सकते है। कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया है।
इससे पहले कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राठौड, पार्शवनाथ बिल्डर और कोर्ट कमिश्नर मिलकर आपसी बातचीत कर कोई हल निकालने की कोशिश करने के लिए कहा था। लेकिन राठौड़ ने कोर्ट को बताया था कि फ्लैट उनके मुताबिक नही है इस लिए वो अपना पैसा वापस चाहते है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस बारे में अपनी रिपोर्ट कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौप दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो दिक्कतें हैं उन्हें दूर करना मुश्किल है। राठौड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि जो फ्लैट दिया गया वहां पार्किंग नहीं है और सडक भी सही नहीं है।
दरअसल राठौड़ ने साल 2006 में पार्श्वनाथ के गुरुग्राम स्थित एग्जोटिका प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था। इसके लिए उन्होंने 70 लाख रुपये दिए थे। फ्लैट पर 2008- 2009 में कब्जा मिलना था। जनवरी में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को ब्याज के साथ मूलधन वापस करने का आदेश दिया था। साथ ही मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस फैसले को पार्श्वनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।