सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा को भारत का मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ दिलाई। 63 साल के जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के 45 वें चीफ जस्टिस बने हैं। जस्टिस जेएस खेहर 27 अगस्त को चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए हैं।
बतौर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने पहले दिन 72 मामले सुनवाई के लिए लिस्टेड है और इसमें सिमी पर बैन संबंधित केस भी शामिल है। जस्टिस मिश्रा के साथ बेंच में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी होंगे।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर 2018 तक अपने पद पर बने रहेंगे। 13 महीने का उनका कार्यकाल होगा और 2 अक्टूबर 2018 को रिटायर होंगे। उन्होंने राष्ट्रगान के दौरान सिनेमा हॉल में खड़ा होने संबंधित आदेश पारित किया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली कॉलिजियम के सामने जजों की वेकेंसी का मामला भी होगा साथ ही अयोध्या मामला और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश संबंधित मामले की सुनवाई भी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने होगी। इसके अलावा सरकार के साथ चलने वाली एमओपी के मसले भी उनके सामने हैं। सिक्युरिटी शर्त के खिलाफ कॉलिजियम है जबकि सरकार जजों की नियुक्ति में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जोड़ना चाहती है।
जुलाई 2015 में जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाआ वाली बेंच ने याकूब मेमन को रात भर चली सुनवाई के बाद फैसला दिया था। जस्टिस मिश्रा ने सुबह 5 बजे फांसी की सजा को बरकरार रखा था और दो घंटे बाद याकूब को फांसी पर लटकाया गया था। मुंबई ब्लास्ट में 1993 में 257 लोगों की मौत हुई थी।
वह सुप्रीम कोर्ट के जज 2011 में बने थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हैं। उनहोंने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि एफआईआर की कॉपी 24 घंटे में वेबसाइट पर अपलो़ड किया जाए।
वह 23 अक्टूबर 2009 को पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे। बाद में 24 मई 2010 को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 10 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बनाए गए थे।