बिहार की HIV रेप पीडित का नाम सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर !!

Update: 2017-08-18 10:20 GMT

सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में आए फैसले के बावजूद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ही बिहार की HIV और  रेप पीडित का नाम सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट अब तक दिया गया है।

एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में उसका नाम छिपाया गया है तो वहीं पीडिता का नाम हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को इंटरनेट से सर्च करने में आ रहा है। ये इसके बावजूद हुआ है कि हाल ही में जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताव रॉय और जस्टिस ए एम खानवेलकर की बेंच ने पीडिता की पहचान गुप्त रखने का आदेश दिया था। बेंच ने कहा था कि पीडिता की पहचान छिपाने के लिए आदेश दिया जाता है कि कॉज टाइटल में उसका नाम Z लिखा जाए। कोर्ट की रजिस्ट्री  हर रिकार्ड से उसका नाम Z करेगा। पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार भी हाईकोर्ट की वेबसाइट से लेकर अन्य रिकार्ड में ये नाम Z करेंगे। पाडिता की उस याचिका को मंजूर किया जाता है जिसमें इंजन गूगल जैसे सर्च इंजन,  इंडियनकानून डॉट काम जैसी लीगल वेबसाइट और सारे लीगल जर्नल में उसका नाम Z किया जाए। कोर्ट ने ये आदेश हस्तक्षेप याचिका पर दिया जिसमें पीडिता की पहचान छिपाने की मांग की गई थी।

गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की याचिका में देरी करने के लिए पटना हाईकोर्ट और बिहार सरकार को फटकार लगाई थी और राज्य सरकार को दस लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए थे।

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