सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा दही हांडी मामले में उम्र और उंचाई के खिलाफ याचिका पर करे सुनवाई

Update: 2017-08-03 10:27 GMT
 इस जन्माष्टमी में क्या दही हांडी के लिए  बनाए जाने वाले मानव पिरामिड की उंचाई तय होगी क्या नाबालिग उसमें भाग ले पाएंगे?


इस महोत्सव के दो हफ्त पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट भेजा है ताकि प्रतिबंध लगाने के आदेश को चुनौती देते हुए महाराष्ट्र सरकार की एक याचिका को सुना जाए।


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने मामले को हाई कोर्ट भेजा है और कहा है कि वह इस मामले में राज्य सरकार द्वारा पेश नए तर्क के आधार पर फैसला लें। अदालत ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट 7 अगस्त को मामले को सुने। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि उसने कई कदम उठाए हैं ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ऐसे में उम्र के आधार पर प्रतिबंध को खत्म किया जाना चाहिए।


क्या है दही हांडी


दही हांडी एक प्रथा है जो जन्माष्टमी के मौके पर मनाया जाता है और इस साल 14 अगस्त को मनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त 2016 को हाई कोर्ट के आदेश में बदलाव से मना किया था। हाई कोर्ट ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों को दही हांडी में भाग लेने से मना किया था। साथ ही पिरामिड की उंचाई 20 फीट तय कर दी थी। इसके कुछ दिनों बाद मुंबई के एक संगठन ने उम्र की सीमा और उंचाई के कैप को खत्म करने की मांग की थी।

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