जज बनने की इच्छा रखने वाले शख्स को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, डाक विभाग की देरी के कारण एक दिन देर से पहुंचा था आवेदन [आदेश पढें]

Update: 2017-08-01 16:29 GMT

जज बनने की इच्छा रखने वाले एक शख्स को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से कहा है कि वह आवेदक का इंटरव्यू ले जिसने लिखित परीक्षा पास कर ली है। आवेदक की अर्जी को इस आधार पर हाई कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था कि उसका आवेदन समय पर नहीं पहुंचा था जबकि उसने स्पीड पोस्ट से 10 दिनों पहले आवेदन दिया था। अर्जी दाखिल करने की आखिरी तारीख 20 जनवरी थी और आवेदन एक दिन बाद पहुंचा था। इस आधार पर हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने आवेदन स्वीकार नहीं किया था जबकि आवेदन स्पीड पोस्ट के जरिये भेजा गया था।

इसके बाद याचिकाकर्ता आशुतोष अग्निहोत्री ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा है कि वह याचिकाकर्ता का इंटरव्यू ले इसका रिजल्ट तब तक प्रकाशित न हो जब तक याचिका का निपटारा नहीं हो जाता। हाई कोर्ट ने कोर्ट के आदेश से लिखित परीक्षा लिया था और उसका रिजल्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि रिजल्ट क्लियर है इसके बाद इंटरव्यू के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। साथ ही कहा है कि इंटरव्यू के दौरान आवेदन की देरी का मामला आड़े नहीं आना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आवदेक ने साधारण डाक से नहीं बल्कि स्पीड पोस्ट से भेजा था। ऐसे में उस पर इसके लिए आरोप नहीं लग सकता कि उसने देरी की है।

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