झाऱखंड स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा) ने एक पहल करते हुए एक्सपर्ट मेडियेटर की टीम बनाई है। इस टीम में एडमिनिस्ट्रेशन, मेडिकल , एजुकेशन और बिजनेस से संबंधित एक्सपर्ट को रखा गया है ये मजबूत टीम केसों के निपटारे में मदद करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की एमसीपीसी (मेडियेशन एंड कंसिलेशन प्रोजेक्ट कमिटी) यूनिट है। सुप्रीम कोर्ट का रूल कहता है कि एक्सपर्ट मेडियेटर में पेशेवर और एक्सपर्ट हो सकते हैं और उनका 15 साल का अनुभव होना चाहिए। झालसा पहली यूनिट है जिसने हाल में एक्सपर्ट मेडियेटर की टीम का गठन किया है। इसके लिए दूसरे बैच में 22 एक्सपर्ट को रखा जाना है और इस तरह इसका स्ट्रेंथ 39 हो जाएगा। नए बैच में 22 लोग हैं इनमें पूर्व चीफ पोस्ट मास्टर, रिटायर प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, राज्य महिला आय़ोग की पूर्व अध्यक्ष और रिटायर प्रोफेसर शामिल हैं। रविवार को इनकी 40 घंटे की ट्रेनिंग की शुरुआत हुई।
इस मौके पर एमसीपीसी के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकूर ने कहा कि टीम बनाने में झारखंड ने अगुवाई की है और उन्हें उम्मीद है कि ये टीम देश भर में अन्य मेडियेटरों को ट्रेनिंग में मदद करेंगे।
इस मौके पर झालसा के चेयरमैन व झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि सेकंड बैच का इंटरव्यू आदि 2 महीने में पूरा हो जाएगा। अप्रैल 2016 में पहले बैच में पूर्व चीफ सेक्रेटरी, डॉक्टर , शिक्षाविद, इंजीनियर आदि को रखा गया था। झालसा एमसीपीसी से आग्रह करता है कि वह इस बैच को भी स्वीकृति दें।