तलाक की अर्जी पेंडिंग हो फिर भी डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट में हो सकती है कार्रवाईः मद्रास हाईकोर्ट

Update: 2017-05-31 14:18 GMT

हाई कोर्ट ने कहा कि अगर तलाक की अर्जी पेंडिंग हो तो भी घरेलू हिंसा कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले दिनों अपने एक आदेश में कहा कि पति द्वारा दायर तलाक की अर्जी लंबित है,इस आधार पर पत्नी को घरेलू हिंसा कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने से नहीं रोका जा सकता है।

जस्टिस पीएन प्रकाश इस मामले में पति व उसके परिजनों की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। जिसमें पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा कानून के तहत शुरू की गई कार्रवाई को रद्द करने की मांग की थी।

याचिका में कहा गया था कि महिला को ठीक से दिखाई नहीं देता था और यह बात शादी के समय छुपाई गई थी। इसलिए पति ने तलाक की अर्जी दायर कर दी थी। इससे परेशान होकर महिला ने बदले में कार्रवाई शुरू करने के लिए घरेलू हिंसा कानून के तहत केस दायर कर दिया।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस प्रकाश ने कहा कि घरेलू हिंसा कानून 2005 की धारा 36 के तहत महिला को घरेलू हिंसा से प्रोटेक्शन दिया गया है,इस एक्ट के तहत शुरू की गई कोई भी कार्रवाई को किसी अन्य कानूनी के प्रावधानों से अपमानित नहीं हो सकती है।

इसलिए पति ने तलाक की अर्जी दायर कर दी है,सिर्फ इस आधार पर घरेलू हिंसा कानून के तहत शुरू की गई कार्रवाई को रद्द नहीं किया जा सकता है,वो भी तब जब याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रथम दृष्टया तथ्य मौजूद हो।

कोर्ट ने कहा कि मामले में तथ्य सामने आए है कि महिला मंद दृष्टि है और उसने निचली अदालत के समक्ष अपने लिए आर्थिक मदद मांगी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए कोड आॅफ क्रिमनल प्रोसिजर की धारा 482 के तहत यह उचित केस नहीं है,जिसमें हस्तक्षेप किया जाए,वो भी तब जब तथ्यों को लेकर विवाद हो।
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