वेबिनार
मृत्युदंड के मानसिक स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य पर जस्टिस मुरलीधर के विचार LIVE
भारत में मौत की सजा पाने वाले कैदियों के बीच मानसिक बीमारियों और बौद्धिक अक्षमता को समझने के लिए प्रोजेक्ट 39ए के पांच साल पूरे होने पर डेथवर्थी: ए मेंटल हेल्थ प्रोस्पेक्टिव ऑफ द डेथ पेनल्टी विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की जा रही है।न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर (मुख्य न्यायाधीश, उड़ीसा हाईकोर्ट) अपने विचार साझा कर रहे हैं।जुड़िए लाइवhttps://www.youtube.com/watch?v=q4tRBGTpZeg
मृत्युदंड के मानसिक स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य पर परिचर्चा : जस्टिस मुरलीधर करेंगे संबोधित
भारत में मौत की सजा पाने वाले कैदियों के बीच मानसिक बीमारियों और बौद्धिक अक्षमता को समझने के लिए प्रोजेक्ट 39ए के पांच साल पूरे होने पर डेथवर्थी: ए मेंटल हेल्थ प्रोस्पेक्टिव ऑफ द डेथ पेनल्टी विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की जा रही है।यह परिचर्चा 20 अक्टूबर 2021 को शाम 5:30 बजे आयोजित होगी।पैनल में शामिल हैंः-• न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर (मुख्य न्यायाधीश, उड़ीसा हाईकोर्ट)• प्रोफेसर प्रतिमा मूर्ति (निदेशक, निमहंस बैंगलोर)• प्रोफेसर संजीव जैन (मनोचिकित्सा विभाग, निमहंस बैंगलोर)• मैत्रेयी मिश्रा (प्रमुख...
LIVE प्रैक्टिशनर सीरीज : सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा भाग 3
लाइवलॉ अपनी "लाइव लॉ प्रैक्टिशनर सीरीज" के तहत एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है।न्यायमूर्ति वी रामकुमार (पूर्व न्यायाधीश, केरल उच्च न्यायालय) सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा, दायरा और वैधता' भाग-3 पर विचार व्यक्त कर रहे हैं।जुड़िए लाइव
LIVE प्रैक्टिशनर सीरीज : सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा भाग 2
लाइवलॉ अपनी "लाइव लॉ प्रैक्टिशनर सीरीज" के तहत एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। न्यायमूर्ति वी रामकुमार (पूर्व न्यायाधीश, केरल उच्च न्यायालय) सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा- इसका दायरा, सीमा और वैधता पर बोल रहे हैं।देखिए इसका दूसरा भाग-
LIVE प्रैक्टिशनर सीरीज : सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा
लाइव लॉ अपनी "लाइव लॉ प्रैक्टिशनर सीरीज" के तहत एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। न्यायमूर्ति वी रामकुमार (पूर्व न्यायाधीश, केरल उच्च न्यायालय) सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा- इसका दायरा और वैधता' पर चर्चा कर रहे हैं।जुड़िए लाइव
प्रैक्टिशनर सीरीज : सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा
लाइव लॉ अपनी "लाइव लॉ प्रैक्टिशनर सीरीज" के तहत एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है।न्यायमूर्ति वी रामकुमार (पूर्व न्यायाधीश, केरल उच्च न्यायालय) सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत 'निरोध' की अवधारणा- इसका दायरा और वैधता' पर चर्चा करेंगे।आरत्रिका भौमिक सत्र का संचालन करेंगी।वेबिनार का विवरण इस प्रकार है:दिनांक और समय: 7 अक्टूबर, 2020, शाम 5:00 बजेयूट्यूब लिंक: https://www.youtube.com/c/livelawindiaफेसबुक लिंक: https://www.facebook.com/livelawindia/इंस्टाग्राम लिंक:...
LIVE त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी की अध्यक्षता में गांधी जयंती पर वेबिनार
लाइव लॉ दिल्ली हाईकोर्ट महिला वकील फोरम के सहयोग से एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। गांधी जयंती दिवस पर आयोजित हो रहे इस वेबिनार का शीर्षक "कानून पर गांधीवाद प्रभाव" है।न्यायमूर्ति अकील कुरैशी (मुख्य न्यायाधीश, त्रिपुरा हाईकोर्ट) वेबिनार में खास वक्ता हैं।जुड़िए लाइव
आज शाम 5 बजे - त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी की अध्यक्षता में गांधी जयंती पर वेबिनार "कानून पर गांधीवाद प्रभाव" का आयोजन
लाइव लॉ दिल्ली हाईकोर्ट महिला वकील फोरम के सहयोग से एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। गांधी जयंती दिवस पर आयोजित हो रहे इस वेबिनार का शीर्षक "कानून पर गांधीवाद प्रभाव" है।न्यायमूर्ति अकील कुरैशी (मुख्य न्यायाधीश, त्रिपुरा हाईकोर्ट) वेबिनार में विशिष्ट वक्ता होंगे।सत्र का संचालन अधिवक्ता प्राची दत्ता और नंदिता राव करेंगी।वेबिनार का विवरण इस प्रकार है:-तिथि और समय:- 2 अक्टूबर 2021 (शनिवार), शाम 05 बजे (आईएसटी)यूट्यूब लिंक:- https://www.youtube.com/watch?v=ZKaZwI9Rn6o&feature=youtu.beफेसबुक लिंक:-...
जस्टिस रवींद्र भट की अध्यक्षता में सेकेंड 'प्रोफेसर शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर 2021'
जस्टिस रवींद्र भट की अध्यक्षता में लाइवलॉ द्वारा सेकेंड 'प्रोफेसर शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर 2021' आज आयोजित किया जा रहा है। जिसका विषय 'मौलिक अधिकार और नियामक राज्य की भूमिका' है।कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट वृंदा भंडारी कर रही हैं। एडवोकेट संतोष मैथ्यूज भी अपने विचार व्यक्त करेंगे।लाइव जुड़ें
जस्टिस रवींद्र भट की अध्यक्षता में सेकेंड 'प्रोफेसर शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर 2021' [कल शाम पांच बजे]
जस्टिस रवींद्र भट की अध्यक्षता में सेकेंड 'प्रोफेसर शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर 2021' 24 सितंबर, 2021 लाइवलॉ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।'सेकेंड प्रोफेसर शामनाद बशीर स्मृति व्याख्यान 2021'अध्यक्ष: न्यायमूर्ति रवींद्र भट (न्यायाधीश, भारत का सर्वोच्च न्यायालय)विषय: 'मौलिक अधिकार और नियामक राज्य की भूमिका'कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट वृंदा भंडारी द्वारा किया जाएगा।एडवोकेट संतोष मैथ्यूज प्रोफेसर शामनाद बशीर पर संक्षिप्त भाषण देंगे।दिनांक और समय:- 25 सितंबर, 2021 (शनिवार), शाम 05 बजे (आईएसटी)इस पर...
जस्टिस रवींद्र भट की अध्यक्षता में सेकेंड 'प्रोफेसर शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर 2021' [24 सितंबर, 2021]
जस्टिस रवींद्र भट की अध्यक्षता में सेकेंड 'प्रोफेसर शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर 2021' 24 सितंबर, 2021 लाइवलॉ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।'सेकेंड प्रोफेसर शामनाद बशीर स्मृति व्याख्यान 2021'अध्यक्ष: न्यायमूर्ति रवींद्र भट (सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश)विषय: 'मौलिक अधिकार और नियामक राज्य की भूमिका'कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट वृंदा भंडारी द्वारा किया जाएगा।एडवोकेट संतोष मैथ्यूज प्रोफेसर शामनाद बशीर पर संक्षिप्त भाषण देंगे।दिनांक और समय:- 25 सितंबर, 2021 (शनिवार), शाम 05 बजे (आईएसटी)इस पर लाइव...
"पावर का नशा: मध्य प्रदेश में अल्कोहल पुलिसिंग का एक अध्ययन" : देखिए पैनल चर्चा
आपराधिक न्याय और पुलिस जवाबदेही प्रोजेक्ट "पावर का नशा: मध्य प्रदेश में अल्कोहल पुलिसिंग का एक अध्ययन" पर एक पैनल चर्चा और रिपोर्ट रिलीज का आयोजन कर रहा है।इस चर्चा के सम्मानित वक्ता हैं :1. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर ( पूर्व न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट)2. दयामणि बारला (पत्रकार और कार्यकर्ता)3. निहालसिंह राठौड़ (अधिवक्ता, बॉम्बे हाईकोर्ट)4. चंदर उदय सिंह (सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया)लाइव देखें:मीडिया पार्टनर: LiveLaw.in
[लाइव] लोकतंत्र, असहमति और कठोर कानून पर चर्चा- क्या यूएपीए और राजद्रोह को हमारी क़ानून की किताबों में जगह मिलनी चाहिए?
कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) और ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स अलर्ट (HRDA) LIVELAW के साथ मिलकर डेमोक्रेसी, डिसेंट और कठोर कानून पर एक वेबिनार का आयोजन कर रहे हैं। इस वेबिनार का विषय है- क्या यूएपीए और सेडिशन को हमारी क़ानून की किताबों में जगह मिलनी चाहिए?वेबिनार में शामिल होने वाले सम्मानित पैनलिस्ट हैं: -1. न्यायमूर्ति मदन भीमराव लोकुर, पूर्व न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय2. न्यायमूर्ति आफताब आलम, पूर्व न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय3. न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, पूर्व...
[आज शाम 5 बजे] वेबिनार : " नारीवादी न्यायशास्त्र के विकास" पर न्यायमूर्ति आशा मेनन और निष्ठा सत्यम अपने विचार साझा करेंगी
लाइव लॉ दिल्ली हाईकोर्ट महिला वकील फोरम के सहयोग से "नारीवादी न्यायशास्त्र का विकास" ( "Evolving A Feminist Jurisprudence") पर एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है।इस समारोह में न्यायमूर्ति आशा मेनन (न्यायाधीश, दिल्ली हाईकोर्ट) और निष्ठा सत्यम (उप प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र महिला, भारत) विशिष्ट वक्ता होंगी।वहीं आलिया वज़ीरी (वकील, सलाहकार) और अनुष्का बरुआ (वकील, दिल्ली हाईकोर्ट) सत्र का संचालन करेंगी।वेबिनार का विवरण इस प्रकार है:-दिनांक और समय :- July 8, 2021 (Thursday), 05 PM (IST) यूट्यूब...
[LIVE NOW] "महिला वकीलों की सफलता" पर वर्चुअल कैंटीन
LiveLaw के साथ एसोसिएशन में दिल्ली हाईकोर्ट महिला वकील फोरम "महिला वकीलों की सफलता" पर वर्चुअल कैंटीन का आयोजन कर रहा है। पैनलदीपिका मरवाहा, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्टगरिमा प्रसाद, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्ट नीलिमा तिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्ट नित्या रामकृष्णन, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्ट सुरूचि अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्ट मालविका त्रिवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्टगायत्री विरमानी, एडवोकेट, दिल्ली हाईकोर्ट कृतिका गुप्ता, एडवोकेट, दिल्ली...
LIVE NOW "द पनिशमेंट: स्टोरी ऑफ डेथ रो प्रिज़नर्स इन इंडिया" : कोर्ट रूम के अंदर और बाहर की कहानियां
लाइव लॉ के सहयोग से एनएलयू दिल्ली ने प्रोजेक्ट 39 ए, "द पनिशमेंट: स्टोरी ऑफ डेथ रो प्रिज़नर्स इन इंडिया" ( The Punished: Stories Of Death Row Prisoners In India) बुक पर एक चर्चा का आयोजन किया।वक्ता:डॉ अनूप सुरेन्द्रनाथ, प्रोजेक्ट 39 ए के कार्यकारी निदेशक डॉ. अपर्णा चंद्रा, एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ लॉ, एनएलएसआईयू, बैंगलोर लाइव जुड़ें
LIVE NOW : 'असहमत होने के हमारे अधिकार' , जस्टिस दीपक गुप्ता, रेबेका जॉन के विचार
लाइव लॉ के साथ एसोसिएशन में दिल्ली उच्च न्यायालय महिला वकील फोरम एक वेबिनार कर रहा है, जिसमें जस्टिस दीपक गुप्ता, रेबेका जॉन 'असहमत होने के हमारे अधिकार' विषय पर विचार रख रहे हैं।स्पीकर1) जस्टिस दीपक गुप्ता, (सेवानिवृत्त) सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया2) रेबेका जॉन, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट3) चित्रांश सिन्हा, वकील और लेखकलाइव जुड़ें








![[लाइव] लोकतंत्र, असहमति और कठोर कानून पर चर्चा- क्या यूएपीए और राजद्रोह को हमारी क़ानून की किताबों में जगह मिलनी चाहिए? [लाइव] लोकतंत्र, असहमति और कठोर कानून पर चर्चा- क्या यूएपीए और राजद्रोह को हमारी क़ानून की किताबों में जगह मिलनी चाहिए?](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2021/07/24/500x300_397235-img-20210723-wa0050.jpg)
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