सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना (UTB) सदस्य सदानंद कदम को जमानत दी

Shahadat

13 Feb 2024 9:55 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना (UTB) सदस्य सदानंद कदम को जमानत दी

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (12 फरवरी) को 'साई रिज़ॉर्ट' नाम के कथित अवैध रिसॉर्ट के निर्माण के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी शिवसेना (UTB) एमएलसी अनिल परब के करीबी सहयोगी सदानंद कदम को जमानत दे दी। दापोली, महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में स्थित है।

    कदम को प्रवर्तन निदेशालय ने धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA Act) की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध के संबंध में 10 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। अक्टूबर में विशेष PMLA कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    हाईकोर्ट ने कदम को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा,

    "PMLA Act शिकायत को पढ़ने से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आरोप यह है कि आवेदक द्वारा किसी अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विषयगत संपत्ति अर्जित या प्राप्त की गई। इसके अलावा, मेरी राय में प्रथम दृष्टया प्रथम दृष्टया, यह कहा जा सकता है कि आवेदक ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का प्रयास किया, या जानबूझकर सहायता की, या जानबूझकर पक्ष है या वास्तव में अपराध की आय से जुड़ी प्रक्रिया या गतिविधि में शामिल है। इसे बेदाग संपत्ति के रूप में पेश किया।"

    हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कदम ने जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की।

    जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने पक्षकारों के वकील को सुनने के बाद कदम को जमानत देने का फैसला किया।

    खंडपीठ ने कहा,

    “हम पाते हैं कि अपीलकर्ता प्रथम प्रतिवादी/निदेशालय द्वारा दायर शिकायत मामले के निपटारे तक उचित नियमों और शर्तों पर PMLA Act की धारा 45(1)(ii) के अनुसार जमानत पर रहने का हकदार है। एएसजी के निष्पक्ष रुख को देखते हुए हम विस्तृत कारण दर्ज नहीं कर रहे हैं।''

    तदनुसार, अदालत ने ED आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर कदम को विशेष अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया। इस पर विशेष अदालत अपीलकर्ता को शिकायत मामले की सुनवाई समाप्त होने तक उचित नियमों और शर्तों पर जमानत पर रिहा कर देगी।

    खंडपीठ ने आगे कहा,

    "उस उद्देश्य के लिए हम निर्देश देते हैं कि अपीलकर्ता को आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। विशेष अदालत शिकायत मामले की सुनवाई समाप्त होने तक अपीलकर्ता को उचित नियमों और शर्तों पर जमानत पर रिहा कर देगी। "

    केस टाइटल: सदानंद गंगाराम कदम बनाम प्रवर्तन एवं अन्य निदेशालय।

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