सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम द्वारा उनकी पदोन्नति पर विचार न करने के खिलाफ जिला जजों की याचिका खारिज की
Shahadat
2 Sept 2024 2:58 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर) को केरल के दो जिला जजों द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका में केरल हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनके नामों पर हाई कोर्ट में पदोन्नति के लिए विचार न करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने जिला जज पीपी सैदालवी और जज केटी निजार अहमद द्वारा दायर याचिका पर नाराजगी व्यक्त की।
जस्टिस रॉय ने पूछा,
"यह किस तरह की याचिका है? सीनियर अधिकारी पर हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा विचार नहीं किया जा रहा। आप यहां आकर इसे लागू करेंगे?"
याचिकाकर्ता के वकील ने जब कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश के दो जिला जजों द्वारा दायर इसी तरह की याचिका पर सुनवाई की थी, तो खंडपीठ ने कहा कि यह ऐसा मामला था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने खुद हाई कोर्ट कॉलेजियम से उस मामले में याचिकाकर्ताओं के नामों पर विचार करने के लिए कहा था।
खंडपीठ द्वारा मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करने के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील ने याचिका वापस लेने का विकल्प चुना। हालांकि वकील ने अन्य उपायों को अपनाने की स्वतंत्रता मांगी, लेकिन पीठ ने ऐसी कोई भी स्वतंत्रता देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस रॉय ने कहा,
"हमने आपको वापस लेने की अनुमति दी है, हम स्वतंत्रता नहीं दे रहे हैं। अन्यथा, बर्खास्तगी का आदेश लें।"
इसके बाद याचिका वापस ले ली गई।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि जब उनके नामों को विचार से बाहर रखा गया तो केरल हाईकोर्ट कॉलेजियम ने उन उम्मीदवारों की सिफारिश की, जो रिक्तियों के उत्पन्न होने की तिथि पर हाईकोर्ट जज के रूप में विचार किए जाने के योग्य नहीं थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे अधिकार के रूप में हाईकोर्ट में नियुक्ति की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि अवसरों की समानता और निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं।
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के जिला जजों द्वारा पदोन्नति से उनके बहिष्कार के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।
केस टाइटल: W.P.(C) संख्या 547/2024 डायरी संख्या 38923/2024 सैदालवी पी.पी. बनाम उच्च न्यायालय केरल, एर्नाकुलम