सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व CPI(M) केरल सचिव के बेटे बिनीश कोडियेरी की जमानत के खिलाफ ED की चुनौती खारिज की
Shahadat
2 Feb 2024 3:58 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (2 जनवरी) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI(M))के पूर्व केरल राज्य सचिव के बेटे और एक्टर बिनीश कोडियेरी को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका खारिज की।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने एजेंसी की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि बिनीश के खिलाफ ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने जमानत की राहत का दुरुपयोग किया हो। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि कर्नाटक हाईकोर्ट के विवादित आदेश को किसी अन्य मामले में मिसाल के रूप में नहीं माना जाएगा।
बिनीश को अक्टूबर, 2021 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जमानत दी थी।
कोडियेरी को ED ने 29 अक्टूबर, 2020 को इस आरोप में गिरफ्तार किया कि वह अवैध दवा व्यापार के वित्तपोषण में शामिल है। उनकी गिरफ्तारी मोहम्मद अनूप नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिसने दावा किया कि वह नशीले पदार्थों की बिक्री/खरीद में शामिल था और बिनीश का करीबी सहयोगी था। कथित तौर पर, ED और एनसीबी की जांच में पता चला कि बिनीश ने अनूप के बैंक खातों में 50 लाख रुपये से अधिक ट्रांसफर किए।
बिनीश का बचाव यह रहा है कि उन्होंने केवल अनूप को पैसे उधार दिए थे, उसकी गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन पर विधेय अपराध का आरोप नहीं लगाया गया। दूसरी ओर, ED ने कहा है कि धन शोधन निवारण अधिनियम न केवल उन लोगों को दंडित करता है, जो विधेय अपराध में आरोपी हैं, बल्कि उन लोगों को भी दंडित करता है, जो "अपराध की आय" उत्पन्न करने में सहायता करते हैं। ऐसे में बिनीश के खिलाफ मामला चलने योग्य है।
पिछले साल अगस्त में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कोडियेरी के खिलाफ एजेंसी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने उक्त रोक यह देखते हुए लगाई थी कि उन पर NDPS Act के तहत घातीय अपराध का आरोप नहीं लगाया गया।
केस टाइटल: प्रवर्तन निदेशालय बनाम बिनीश कोडियेरी, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 3155/2022