NDPS Act | इन-चार्ज एसएचओ, थाना प्रभारी की अनुपस्थिति में तलाशी लेने के लिए सक्षम : सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
10 May 2025 10:33 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि NDPS Act के तहत तलाशी, थाने के नामित SHO की अनुपस्थिति में प्रभारी थाना प्रभारी द्वारा की जा सकती है।
जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) की धारा 8/18, 25 और 29 के तहत अपराधों के लिए FIR रद्द कर दी गई थी।
हाईकोर्ट ने इस आधार पर FIR रद्द की थी कि तलाशी एक अनधिकृत अधिकारी द्वारा की गई थी।
कोर्ट ने कहा कि एक्ट की धारा 42 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार,
"राज्य सरकार ने थाना प्रभारी के रूप में तैनात सभी पुलिस निरीक्षकों और पुलिस उपनिरीक्षकों को एक्ट की धारा 42 में उल्लिखित शक्तियों का तत्काल प्रभाव से प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया है।"
बता दें, एक्ट की धारा 42 में प्रावधान है कि प्रावधान में निर्दिष्ट किसी भी अधिकारी को बिना वारंट या प्राधिकरण के प्रवेश, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्ति है।
हालांकि, वर्तमान मामले में SHO 'वीरा राम चौधरी' संबंधित तिथि पर अनुपस्थित थे। इसलिए 09.09.2011 को हालांकि उन्होंने SHO का प्रभार सर्कल इंस्पेक्टर (सब इंस्पेक्टर, 'मिस्टर कमल चंद') को सौंप दिया, जिन्होंने तलाशी ली।
खंडपीठ ने राजस्थान राज्य बनाम भेरू लाल के निर्णय का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि संबंधित समय पर स्टेशन हाउस ऑफिसर के रूप में अस्थायी प्रभार रखने वाला व्यक्ति तलाशी लेने के लिए सक्षम है।
इस प्रकार, न्यायालय ने हाईकोर्ट का यह दृष्टिकोण खारिज कर दिया कि तलाशी उस अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए, जो वास्तव में एसएचओ के रूप में तैनात है, न कि प्रभारी SHO के रूप में।
विवादित आदेश खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा,
"हमारा मानना है कि हाईकोर्ट ने एक्ट की धारा 42 की व्याख्या करने में तथा यह मानने में स्पष्ट रूप से गलती की कि इन-चार्ज SHO तलाशी लेने के लिए सक्षम नहीं है।"
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि कानून के अनुसार मुकदमा जारी रहे।
केस टाइटल: राजस्थान राज्य बनाम गोपाल एवं अन्य। डायरी नंबर 28242/2019