जनता के साथ धोखाधड़ी, नोएडा का समझौता मनमाना: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे के यात्रियों पर टोल लगाने की याचिका खारिज की

Amir Ahmad

20 Dec 2024 11:55 AM IST

  • जनता के साथ धोखाधड़ी, नोएडा का समझौता मनमाना: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे के यात्रियों पर टोल लगाने की याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20 दिसंबर) को नोएडा टोल ब्रिज कंपनी की याचिका खारिज की, जिसमें उसने दिल्ली नोएडा डायरेक्ट (DND) फ्लाईवे के यात्रियों पर टोल लगाने की मांग की थी।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2016 के फैसले के खिलाफ कंपनी की अपील खारिज की, जिसमें रियायतकर्ता समझौता रद्द कर दिया गया था। हाईकोर्ट का यह फैसला फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया।

    हाईकोर्ट के निष्कर्षों से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि नोएडा ने कंपनी पर टोल लगाने की अपनी शक्ति सौंपकर अपने अधिकार का अतिक्रमण किया और जनता की कीमत पर कंपनी का अनुचित संवर्धन हुआ।

    खंडपीठ ने फैसला सुनाया,

    "आम जनता को सैकड़ों करोड़ रुपये देने के लिए मजबूर किया गया। उन्हें धोखा दिया गया है, उपयोगकर्ता शुल्क के संग्रह को जारी रखने का कोई कारण नहीं है।"

    रियायतकर्ता समझौते की भाषा ऐसी थी कि यह हमेशा के लिए प्रभावी थी और इस प्रकार नोएडा की कीमत पर NTBCL को हमेशा के लिए समृद्ध बना रही थी।

    न्यायालय ने नोट किया कि अन्य इच्छुक कंपनियों की ओर से कोई निविदा नहीं थी और कोई प्रतिस्पर्धी बोली नहीं लगाई गई थी। इसलिए NTBCL को समझौता प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन और अवैध था।

    सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जनहित याचिका सुनवाई योग्य है, क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन शामिल है। हालांकि यह एक कमर्शियल अनुबंध के संबंध में है। जब राज्य सार्वजनिक कार्य में संलग्न होता है तो उसे मनमानी से मुक्त होना चाहिए।

    केस टाइटल: नोएडा टोल ब्रिज कंपनी बनाम फेडरेशन ऑफ नोएडा आरडब्ल्यूए एसएलपी (सी) संख्या 33403/2016

    Next Story