ऑनलाइन सट्टेबाज़ी और ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध की मांग वाली जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
Praveen Mishra
8 May 2025 6:48 PM IST

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार और अन्य से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा जिसमें सभी ऑनलाइन राय कारोबार प्लेटफार्मों, मोबाइल एप्लिकेशन, वेबसाइटों और डिजिटल माध्यमों को विज्ञापन देने और/या सट्टेबाजी और दांव लगाने की गतिविधियों को बढ़ावा देने से रोकने की मांग की गई है, जिसे सार्वजनिक जुआ अधिनियम और अन्य कानूनों का उल्लंघन बताया जाता है।
चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल ने केंद्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय, हरियाणा सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए।
पेशे से वकील अनुज मलिक द्वारा दायर याचिका में कथित तौर पर 'ओपिनियन ट्रेडिंग की आड़ में कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के कथित और अनियंत्रित संचालन' के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
इसमें कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को अनिश्चित और सट्टा घटनाओं जैसे क्रिकेट जीत और हार, चुनाव परिणाम, बिटकॉइन बाजार की चाल और वर्तमान मामलों के परिणाम पर दांव लगाने की अनुमति देते हैं जो मौका के खेल के अलावा और कुछ नहीं हैं।
इसने आगे कहा कि यह सार्वजनिक जुआ अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता, 2023 (धारा 112), और हरियाणा सार्वजनिक जुआ निवारण अधिनियम, 2025 और सूचना प्रौद्योगिकी मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम, 2021 (2023 में संशोधित) सहित राज्य-विशिष्ट कानूनों का उल्लंघन है, जो ऐसी सामग्री और प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित करने के लिए स्पष्ट दायित्व निर्धारित करते हैं।
याचिका में कहा गया है कि 75 से अधिक सट्टेबाजी और जुआ वेबसाइटें, जिनमें से कई प्रतिबंधित हैं, भारतीय उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाना जारी रखती हैं, अक्सर विश्वसनीय दिखने के लिए लोकप्रिय बॉलीवुड अभिनेताओं और खेल सितारों का ब्रांड एंबेसडर के रूप में उपयोग करती हैं। रणबीर कपूर, कियारा आडवाणी और अन्य जैसी हस्तियों ने Fairplay, Parimatch जैसे प्लेटफार्मों को बढ़ावा दिया है, जो प्लेटफॉर्म अवैध होने के बावजूद विशेष रूप से युवा उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करते हैं।
याचिका में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payment Corporation of India) और भारतीय रिजर्व बैंक जैसे प्राधिकरणों को इस तरह के ऑनलाइन मंचों से जुड़े बैंक खातों पर रोक लगाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
मामले पर आगे विचार के लिए 20 मई की तारीख तय की गई है।

