ED अधिकारी पर रिश्वत का आरोप लगाने वाले कारोबारी को ED का समन, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक
Shahadat
30 May 2025 10:50 AM IST

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (29 मई) को प्रवर्तन निदेशालय (ED), एर्नाकुलम कार्यालय के सहायक निदेशक के खिलाफ रिश्वत का आरोप लगाने वाले व्यवसायी अनीश बाबू को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया।
जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद के लिए स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रवर्तन अधिकारी के खिलाफ सतर्कता मामला दर्ज करने के बाद उसे दिल्ली ED कार्यालय से समन मिला है। नोटिस के अनुसार उसे सतर्कता मामले से संबंधित सभी दस्तावेज लाने को कहा गया। नोटिस में आगे उल्लेख किया गया कि उपस्थित न होने और साक्ष्य न देने पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) और भारती न्याय संहिता (BNS), 2023 के अन्य प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।
न्यायालय ने इस मामले में गिरफ्तारी न करने का निर्देश जारी किया।
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता और उसके माता-पिता के खिलाफ 2020 और 2021 में कुछ मामले दर्ज किए गए, जब याचिकाकर्ता की मां के नाम पर पंजीकृत कंपनी, वज़ाविला कैश्यूज़, आयातित काजू की आपूर्ति के संबंध में कुछ व्यक्तियों के साथ किए गए अनुबंध को पूरा नहीं कर सकी। याचिकाकर्ता के अनुसार, यह तब हुआ जब तंजानिया में सोसायटी के साथ समझौता करने के बाद तंजानिया में निर्यात प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सोसायटी को 2.5 मिलियन डॉलर का भुगतान किया, जो प्रतिबंध के बाद उन्हें खोना पड़ा। याचिकाकर्ता ने कहा कि इसके बाद भी उन्होंने भारी वित्तीय नुकसान उठाकर वादा की गई मात्रा का एक हिस्सा आपूर्ति किया।
इसके बाद ED ने याचिकाकर्ता और उसके माता-पिता के खिलाफ 2021 में PMLA की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया। याचिकाकर्ता और उसके माता-पिता को कार्यालय बुलाया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार, उसके बाद 2021 से 2024 तक कोई संवाद नहीं हुआ। अक्टूबर, 2024 को याचिकाकर्ता को कार्यालय बुलाया गया और कथित डायवर्जन से संबंधित सभी दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर गिरफ्तार करने की धमकी दी गई।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने विल्सन वर्गीस नामक व्यक्ति के खिलाफ विजिलेंस केस दायर किया, जिसने दावा किया कि उसे ED अधिकारी ने भेजा है और मामले को निपटाने के लिए 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। आरोप के अनुसार, अपनी साख साबित करने के लिए विल्सन ने याचिकाकर्ता से कहा कि उसे 14 मई को ED के समक्ष पेश होने के लिए ED से नोटिस मिलेगा।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने कहा,
उसे ED कार्यालय से एक ईमेल और एक फोन आया, जिसमें उसे उनके समक्ष पेश होने के लिए कहा गया। विजिलेंस अधिकारियों ने जाल बिछाया और विल्सन को पकड़ लिया, जब उसने कुल राशि के आंशिक भुगतान के रूप में 2 लाख रुपये की राशि स्वीकार की।
फिलहाल, विजिलेंस ने सहायक निदेशक सहित 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ED के सहायक निदेशक ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
केस टाइटल: अनीश बाबू बनाम सहायक निदेशक

