अनियमित नियुक्तियों को अवैध नियुक्तियों के बराबर नहीं माना जा सकता, 10 साल से ज़्यादा सेवा दे चुके योग्य नियुक्तियों को नियमित किया जाना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
Shahadat
12 July 2025 2:35 PM

यह कहते हुए कि अनियमित नियुक्तियों को अवैध नियुक्तियों के बराबर नहीं माना जा सकता, जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि उचित चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त योग्य व्यक्ति, जिन्होंने स्वीकृत पदों पर एक दशक से ज़्यादा समय तक सेवा की है, अपनी सेवाओं के नियमितीकरण के हकदार हैं।
जस्टिस संजय धर द्वारा पारित फैसले में न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर राज्य केबल कार निगम को छह याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को दस साल की निरंतर संविदा नियुक्ति पूरी होने की तिथि से नियमित करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि संवैधानिक निष्पक्षता इस तरह के नियमितीकरण को अनिवार्य बनाती है। इसे केवल प्रक्रियागत तकनीकी आधार पर रोका नहीं जा सकता।
न्यायालय ने स्पष्ट किया,
"अनियमित रूप से नियुक्त व्यक्तियों की सेवाओं को नियमित किया जाना आवश्यक है, जिन्होंने विधिवत स्वीकृत पदों पर दस साल या उससे ज़्यादा समय तक काम किया, लेकिन अदालतों या न्यायाधिकरणों के आदेशों के तहत नहीं।"
न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के प्रामाणिक उदाहरणों पर ज़ोर देते हुए यह स्पष्ट किया,
"अनियमित रूप से नियुक्त व्यक्तियों की सेवाएं, जिन्होंने विधिवत स्वीकृत पदों पर दस साल या उससे ज़्यादा समय तक काम किया, लेकिन अदालतों या न्यायाधिकरणों के आदेशों के तहत नहीं, नियमित किया जाना आवश्यक है।"
मनमानी के विरुद्ध संवैधानिक संरक्षण को सुदृढ़ करते हुए न्यायालय ने टिप्पणी की,
“याचिकाकर्ताओं को प्रतिवादी निगम में दस वर्ष से अधिक समय तक सेवा देने के बाद नियोक्ता की पूर्ण संतुष्टि के साथ उनकी सेवाओं के नियमितीकरण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उन्हें उचित चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद रिक्त पदों पर नियुक्त किया गया।”
Case Title:Syed Jameel Qaiser & Ors Vs J&K State Cable Car Corp.