[Food Safety Act] अभियोजन के लिए मंजूरी देने की सिफारिश करने की समयसीमा अनिवार्य, गैर-अनुपालन इसे अस्थिर बनाता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
Shahadat
10 Jun 2025 8:13 PM IST
![[Food Safety Act] अभियोजन के लिए मंजूरी देने की सिफारिश करने की समयसीमा अनिवार्य, गैर-अनुपालन इसे अस्थिर बनाता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट [Food Safety Act] अभियोजन के लिए मंजूरी देने की सिफारिश करने की समयसीमा अनिवार्य, गैर-अनुपालन इसे अस्थिर बनाता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2025/05/13/750x450_599759-750x450591845-justice-sanjay-dhar-and-jammu-kashmir-high-court1.jpg)
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोजन के लिए मंजूरी प्रदान करने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त को समय-सीमा के भीतर सिफारिश करने के लिए नामित अधिकारी की आवश्यकता वाले प्रावधान का गैर-अनुपालन अभियोजन को अस्थिर बनाता है।
याचिकाकर्ता ने अपराध के घटित होने के एक वर्ष की अवधि के पश्चात न्यायालय द्वारा संज्ञान लिए जाने तथा कानून के तहत प्रदान किए गए प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का अनुपालन न किए जाने को चुनौती दी थी।
जस्टिस संजय धर की पीठ ने कहा कि खाद्य विश्लेषक से खाद्य को असुरक्षित घोषित करने वाली रिपोर्ट प्राप्त करने के पश्चात 14 दिनों की अवधि के भीतर अभियोजन के लिए मंजूरी प्रदान करने के लिए नामित अधिकारी द्वारा खाद्य सुरक्षा आयुक्त को सिफारिश करने की आवश्यकता वाला प्रावधान अनिवार्य है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि विनिर्माण कंपनी को पक्षकार बनाए बिना याचिकाकर्ता, जिसे कंपनी के संचालन का प्रभारी बताया जा रहा है, उसके विरुद्ध अभियुक्त के रूप में कार्यवाही नहीं की जा सकती।
न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले में विनिर्माण कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाया गया तथा कम्पनी के संचालन के लिए कथित रूप से प्रभारी व्यक्ति के विरूद्ध अभियोजन शुरू किया गया, जो कानून के अनुसार टिकने योग्य नहीं है।
न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुपात पर भरोसा किया, जिसमें यह माना गया कि भागीदारी फर्म को पक्षकार बनाए बिना व्यक्तिगत भागीदारों के विरूद्ध आपराधिक अभियोजन नहीं चलाया जा सकता।
न्यायालय ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत अपराध उस तिथि से शुरू किया जा सकता है, जब खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया हो कि उठाया गया नमूना असुरक्षित या घटिया पाया गया, न कि उस तिथि से, जब ऐसा नमूना उठाया गया। न्यायालय ने अन्य याचिकाकर्ता के तर्क पर विचार करते हुए आरोपी व्यक्ति के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी।
Case-Title:ALI MOHAMMAD BHAT & ORS. Vs UT OF J&K , 2025