Industrial Disputes Act | सरकार नई मांग के बिना औद्योगिक विवाद संदर्भ में संशोधन नहीं कर सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
Shahadat
2 Nov 2025 6:54 PM IST

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि बर्खास्तगी से संबंधित किसी भी मांग या विवाद के अभाव में सरकार को इस मामले को श्रम न्यायालय में भेजने का कोई अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसी बर्खास्तगी केवल एक नए औद्योगिक विवाद या औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 2ए के तहत सीधे आवेदन के माध्यम से ही की जा सकती है।
जस्टिस अजय मोहन गोयल ने टिप्पणी की:
"नौकरी समाप्ति के मुद्दे पर विचार न करने की स्थिति में उपयुक्त सरकार के पास... इस मुद्दे का संदर्भ देने का कोई अधिकार नहीं था... बर्खास्तगी... एक नया वाद-कारण था... उपयुक्त सरकार को स्वतः संज्ञान लेते हुए पहले दिए गए संदर्भ में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं था..."
ऑकलैंड हाउस स्कूल के प्रबंधन ने संयुक्त श्रम आयुक्त द्वारा जारी शुद्धिपत्र को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शुद्धिपत्र में औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 10 के तहत पहले दिए गए संदर्भ को संशोधित किया गया, जिसमें श्रमिकों की सेवाओं की समाप्ति से संबंधित मुद्दों को शामिल किया गया, जो मूल विवाद का हिस्सा नहीं था।
इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं ने लेबर कोर्ट के उस आदेश को रद्द करने का निर्देश देने की भी मांग की, जिसमें शुद्धिपत्र पर उनकी आपत्ति खारिज कर दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि राज्य के पास शुद्धिपत्र के माध्यम से संदर्भ में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है, जबकि यह पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने दलील दी कि शुद्धिपत्र बाद की घटनाओं पर आधारित था, जो मूल मांग नोटिस या विवाद का हिस्सा कभी नहीं थीं।
जवाब में राज्य और श्रमिक संघ ने तर्क दिया कि सरकार को सामान्य खंड अधिनियम की धारा 21 के तहत आदेशों में संशोधन करने का अधिकार है।
कोर्ट ने कहा कि मूल संदर्भ में यह मुद्दा संबंधित कर्मचारियों की सेवाओं की समाप्ति से संबंधित नहीं था।
इस प्रकार, कोर्ट ने याचिका स्वीकार की और माना कि चूंकि श्रमिकों द्वारा सेवा समाप्ति के संबंध में कोई मांग नहीं उठाई गई, इसलिए सरकार के पास उस मुद्दे को शामिल करने का कोई अधिकार नहीं है।
Case Name: Auckland House School & others v/s State of Himachal Pradesh & others

