भारी बारिश और सड़क जाम की वजह से देरी, स्पीडी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
Shahadat
22 Nov 2025 8:28 PM IST

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि जब ट्रायल की कार्रवाई में देरी भारी बारिश की वजह से सड़क जाम जैसी बाहरी वजहों से होती है तो स्पीडी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता है।
जस्टिस राकेश कैंथला ने कहा:
“भारी बारिश की वजह से सड़क जाम की वजह से प्रॉसिक्यूशन गवाह पेश नहीं कर सका। हालांकि, एक साल और तीन महीने में आठ गवाहों से पूछताछ करने से यह नहीं पता चलता कि बेवजह देरी हुई। इसलिए स्पीडी ट्रायल के अधिकार के उल्लंघन की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
याचिकाकर्ता मान बहादुर सिंह ने रेगुलर बेल के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि उनके खिलाफ NDPS Act की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया गया था। 2023 में उन्हें कथित तौर पर 2.007 kg चरस के कब्जे में पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसे NDPS Act के तहत "कमर्शियल क्वांटिटी" माना जाता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे झूठा फंसाया गया और वह करीब एक साल दस महीने से कस्टडी में है और उसके जल्दी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
जवाब में राज्य ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास कमर्शियल क्वांटिटी में चरस मिली थी और NDPS Act के सेक्शन 37 के नियम उस पर लागू होते हैं और वह बेल का हकदार नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता से ज़ब्त किया गया कॉन्ट्राबेंड कमर्शियल क्वांटिटी में था, इसलिए उसे NDPS Act के सेक्शन 37 के तहत दो शर्तें पूरी करनी थीं: कि वह दोषी नहीं है और बेल पर रहते हुए उसके कोई जुर्म करने की संभावना नहीं है।
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह बेल का हकदार नहीं है, क्योंकि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे पता चले कि याचिकाकर्ता बेल पर रिहा होने पर कोई जुर्म नहीं करेगा। साथ ही कोर्ट को ट्रायल में कोई बेवजह देरी नहीं मिली।
इस तरह याचिकाकर्ता खारिज कर दी गई।
Case Name: Man Bahadur Singh v/s State of H.P.

