दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की वैधानिक जमानत की मांग वाली याचिका पर 17 फरवरी तक फैसला करने का निर्देश दिया

Shahadat

30 Jan 2024 7:55 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की वैधानिक जमानत की मांग वाली याचिका पर 17 फरवरी तक फैसला करने का निर्देश दिया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह UAPA Act और राजद्रोह मामले (Sedition Case) में अधिकतम सात साल की सजा में से आधी सजा काटने के लिए वैधानिक जमानत (Statutory Bail) की मांग करने वाले शरजील इमाम के आवेदन पर 17 फरवरी तक फैसला करे और फैसला सुनाए।

    यह मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम (CCA) के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया इलाके में उनके द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है।

    इमाम पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा दर्ज 2020 की एफआईआर 22 के तहत मामला दर्ज किया गया। जबकि मामला शुरू में राजद्रोह के अपराध के लिए दर्ज किया गया, बाद में UAPA Act की धारा 13 लागू की गई थी। वह 28 जनवरी, 2020 से मामले में हिरासत में हैं।

    जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की खंडपीठ ने मामले में नियमित जमानत की मांग करने वाली इमाम की याचिका का निपटारा यह कहते हुए कर दिया कि वैधानिक जमानत की मांग करने वाला उनका आवेदन पहले से ही ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित है।

    खंडपीठ ने आदेश दिया,

    "हम ट्रायल कोर्ट को सुनवाई की अगली तारीख (07 फरवरी) से 10 दिनों के भीतर उक्त आवेदन पर निर्णय लेने और फैसला सुनाने का निर्देश देते हैं।"

    अदालत ने कहा कि यदि इमाम को जमानत से इनकार किया जाता है तो उसे किसी अन्य आधार के साथ अपनी अपील में उल्लिखित आधार पर नई अपील दायर करने का अधिकार है।

    हालांकि इमाम के वकील ने अदालत को सूचित किया कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख 12 फरवरी है, लेकिन ट्रायल कोर्ट की नवीनतम ऑर्डर शीट में यह 07 फरवरी दिखाई गई।

    इमाम का मामला यह है कि वह वैधानिक जमानत पर रिहा होने का हकदार है, क्योंकि वह UAPA Act की धारा 13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा में से आधी सजा काट चुका है।

    शरजील इमाम की ओर से वकील तालिब मुस्तफा पेश हुए। राज्य की ओर से एसपीपी आशीष दत्ता उपस्थित हुए।

    इमाम ने पिछले साल अगस्त में ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर किया। इसे सितंबर, 2023 में कड़कड़डूमा कोर्ट के एएसजे अमिताभ रावत द्वारा आरक्षित किया गया। हालांकि, बाद में न्यायाधीश का ट्रांसफर हो गया और अन्य जज अध्यक्षता कर रहे थे, जो अब आवेदन पर विचार कर रहे हैं।

    आवेदन में कहा गया कि इमाम अपनी रिहाई के मामले में अदालत की संतुष्टि के लिए विश्वसनीय जमानत देने और उस पर लगाई गई शर्तों या प्रतिबंधों का पालन करने के लिए तैयार है।

    आवेदन में कहा गया,

    “आवेदक उपरोक्त एफआईआर के संबंध में 28.01.2020 से हिरासत में है और कारावास के तहत 3 साल और 6 महीने से अधिक की अवधि पूरी कर चुका है। कानून द्वारा संबंधित अपराध में निर्दिष्ट कारावास की अधिकतम अवधि के आधे तक कारावास में रह चुका है।“

    अदालत ने पिछले साल जनवरी में इमाम के खिलाफ एफआईआर में आरोप तय किए थे। उन पर आईपीसी की धारा 124ए, 153ए, 153बी, 505 और UAPA Act की धारा 13 के तहत अपराध का आरोप लगाया गया।

    पिछले साल जून में इमाम ने दिसंबर, 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दिए गए एक ही भाषण के लिए दो अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। उक्त मामला अभी लंबित है।

    केस टाइटल: शरजील इमाम बनाम राज्य

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