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COVID-19 महामारी के दौरान पारित तलाक के फैसले को कर्नाटक हाइकोर्ट ने किया रद्द, कहा -विवाह पवित्र है, पत्नी की निंदा अनसुनी नही की जा सकती
COVID-19 महामारी के दौरान पारित तलाक के फैसले को कर्नाटक हाइकोर्ट ने किया रद्द, कहा -विवाह पवित्र है, पत्नी की निंदा अनसुनी नही की जा सकती

कर्नाटक हाइकोर्ट ने 2021 में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित तालक डिक्री रद्द कर दी। ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग सहित सुनवाई तब की थी, जब दुनिया COVID-19 महामारी की चपेट में थी।जस्टिस केएस मुदगल और जस्टिस केवी अरविंद की खंडपीठ ने पत्नी द्वारा दायर अपील स्वीकार कर ली और पति द्वारा दायर हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act) की धारा 13(1)(i-a) के तहत क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग करने वाली याचिका पर ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित डिक्री रद्द कर दी।खंडपीठ ने दोनों पक्षकारों को उचित अवसर देने...

दिल्ली हाइकोर्ट ने तीन स्थानीय ढाबों को मुरथल स्थित भोजनालय मन्नत ढाबा के ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोका
दिल्ली हाइकोर्ट ने तीन स्थानीय ढाबों को मुरथल स्थित भोजनालय "मन्नत ढाबा" के ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोका

जस्टिस अनीश दयाल ने मन्नत ढाबा, श्री मन्नत ढाबा और अपना मन्नत ढाबा के नाम से अपने रेस्तरां चलाने वाले तीन प्रतिवादियों के खिलाफ पूर्व-पक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया। यह घटनाक्रम मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स द्वारा दायर मुकदमे में हुआ, जिसमें उसके रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क, मन्नत, मन्नत ढाबा, मन्नत ग्रुप, मन्नत रिसॉर्ट्स आदि को उल्लंघन से बचाने की मांग की गई।स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिवादी भोजनालयों में से एक मन्नत ढाबा के पास मन्नत समूह के ट्रेडमार्क और लोगो "MANNAT" को अपनाने और...

पंचायत चुनाव 2023 के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश लागू करने में विफलता के लिए एसईसी (SEC) ने कलकत्ता हाइकोर्ट से बिना शर्त मांगी माफी
पंचायत चुनाव 2023 के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश लागू करने में विफलता के लिए एसईसी (SEC) ने कलकत्ता हाइकोर्ट से बिना शर्त मांगी माफी

कलकत्ता हाइकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (SEC) के खिलाफ अवमानना ​​​​मामला उठाया। अदालत ने एसईसी के खिलाफ नियम निसी जारी किया था और उसे यह बताने का निर्देश दिया कि अवमानना ​​क्षेत्राधिकार के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। एसईसी 2023 के पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती के लिए अदालत के आदेशों का जानबूझकर पालन करने में विफल रहा है।एसईसी ने तर्क दिया कि उन्होंने केंद्रीय बल की तैनाती का अनुरोध करने में देरी की, क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट के...