गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा वाइन शॉप मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की

Shahadat

26 March 2024 5:19 AM GMT

  • गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा वाइन शॉप मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की

    गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश दमन के शराब व्यापारियों के संघ द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी। उक्त याचिका में गुजरात में उनके द्वारा बेची गई शराब पकड़े जाने पर गुजरात के निषेध कानूनों के तहत उनके खिलाफ गुजरात पुलिस की कार्रवाई को रोकने में हस्तक्षेप की मांग की गई।

    चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की खंडपीठ ने कहा,

    “हम यह समझने में विफल हैं कि वाइन शॉप के मालिक, जो गुजरात राज्य में कोई व्यवसाय नहीं कर रहे हैं, उन्हें शराब बेचने और गुजरात के तहत मामलों में क्यों आरोपी बनाया जाएगा। उनके विरुद्ध मद्यनिषेध अधिनियम 1949 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उपरोक्त के लिए साथ ही इस तथ्य के लिए कि जनहित याचिका की प्रकृति में वर्तमान याचिका एसोसिएशन के नाम पर दायर की गई, जिसकी कानूनी स्थिति का खुलासा रिट याचिका में नहीं किया गया। हम गलत धारणा के कारण रिट याचिका को खारिज करते हैं।

    कोर्ट ने कहा कि एसोसिएशन - दमन वाइन मर्चेंट एसोसिएशन ने यह नहीं बताया कि यह रजिस्टर्ड निकाय है या नहीं और न ही रजिस्ट्रेशन की कॉपी रिकॉर्ड पर रखी गई। यह माना गया कि याचिका पूरी तरह से गलत है और याचिका में संगठन की कानूनी स्थिति का भी खुलासा नहीं किया गया।

    याचिका में प्रतिवादी प्राधिकारी को वाइन शॉप मालिकों (दमन के लाइसेंस धारकों) के खिलाफ कोई भी कठोर कदम उठाने से रोकने की मांग की गई, जिन्हें गुजरात निषेध अधिनियम, 1949 के तहत मामलों में आरोप बनाया गया।

    रिट याचिका में दावा किया गया कि निहितार्थ केंद्र शासित प्रदेश दमन में स्थित दुकानें चलाने वाले वाइन शॉप मालिकों को गुजरात राज्य में पुलिस अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था।

    केस टाइटल: दमन वाइन मर्चेंट एसोसिएशन थ्रू प्रेसिडेंट बनाम द स्टेट ऑफ गुजरात एंड अन्य

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