साकेत गोखले की हाईकोर्ट में याचिका, लक्ष्मी पुरी से माफी मांगने और मुआवजा देने के लिए कहने वाला आदेश वापस लिया जाए
Shahadat
6 March 2025 11:55 AM

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले द्वारा दायर आवेदन पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें सोशल मीडिया पर माफी मांगने और संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने के लिए कहा गया।
गोखले ने पिछले साल 01 जुलाई को समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश को वापस लेने की मांग की।
जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने राहत मांगने में देरी के लिए गोखले की याचिका पर पुरी से जवाब मांगा। यह आवेदन 2021 में दायर मानहानि के मुकदमे में दायर किया गया।
न्यायालय ने कहा कि यदि तृणमूल कांग्रेस नेता देरी के पहलू पर न्यायालय को संतुष्ट करने में सक्षम हैं तो वह संबंधित फैसले को वापस लेने के मुद्दे पर विचार करेगा।
सुनवाई के दौरान गोखले के वकील ने कहा कि यह फैसला समन्वय पीठ ने उनकी अनुपस्थिति में एकतरफा पारित किया, क्योंकि उनके वकील ने मानहानि के मुकदमे में पेश होना बंद कर दिया। दूसरी ओर, पुरी के वकील ने दलील का विरोध किया, जिन्होंने कहा कि समन्वय पीठ द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले गोखले को उचित सूचना दी गई।
जस्टिस कौरव ने गोखले के वकील से कहा कि उनके वकील का समन्वय पीठ के समक्ष पेश न होना उनकी जिम्मेदारी है। ऐसा नहीं है कि उन्हें अदालती कार्यवाही की जानकारी नहीं थी। हालांकि, न्यायालय ने गोखले और पुरी दोनों को सुझाव दिया और अनुरोध किया कि वे मामले को सुलझाने का प्रयास करें।
न्यायालय ने कहा,
"मैं आप दोनों से अनुरोध करता हूं। यदि संभव हो तो इसे सुलझाने का प्रयास करें, अन्यथा वापस आएं।"
पिछले साल दिसंबर में पुरी ने अवमानना याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि गोखले पिछले साल के फैसले का पालन करने में विफल रहे। उन्होंने संबंधित फैसले के क्रियान्वयन की मांग की। इसके बाद गोखले को अपनी सभी संपत्तियों, संपदाओं और बैंक अकाउंट्स का खुलासा करते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया।
मामला समन्वय पीठ के समक्ष विचाराधीन है। मानहानि का मुकदमा पुरी ने गोखले के ट्वीट से व्यथित होकर दायर किया, जिसमें उन्होंने स्विट्जरलैंड में अपनी खरीदी गई संपत्ति का जिक्र किया था। ट्वीट में गोखले ने अपनी और अपने पति केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की संपत्ति के बारे में सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी टैग किया और ED जांच की मांग की।
निर्णय में समन्वय पीठ ने पुरी के पक्ष में मुकदमा करते हुए गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया में माफीनामा डालने को कहा। उन्हें अपने ट्विटर हैंडल पर माफीनामा डालने का भी निर्देश दिया गया, जिसे 6 महीने तक रहना है।
निर्णय में विलियम शेक्सपियर के ओथेलो का हवाला देते हुए अदालत ने कहा था कि गोखले लक्ष्मी पुरी और उनके पति हरदीप पुरी के खिलाफ "घूमने वाले आरोप" लगा रहे हैं।
मुकदमे में कहा गया कि गोखले के ट्वीट झूठे और मानहानिकारक थे। पुरी का कहना था कि ट्वीट "दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रेरित थे। तदनुसार डिजाइन किए गए, झूठी अफवाहों से भरे हुए और जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया"।
जुलाई, 2021 में समन्वय पीठ ने मुकदमे में अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन पर निर्णय लेते हुए पुरी के पक्ष में फैसला सुनाया।
अदालत ने तब गोखले को 24 घंटे के भीतर संबंधित ट्वीट हटाने का निर्देश दिया। उन्हें पुरी के खिलाफ कोई और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से भी रोक दिया गया।
केस टाइटल: लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी बनाम साकेत गोखले