मादक पदार्थ बरामदगी की वीडियोग्राफी न होने पर पुलिस की बात पर शक नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
Praveen Mishra
28 Oct 2025 12:30 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि एनडीपीएस कानून के तहत मादक पदार्थों की तलाशी और बरामदगी की कार्रवाई को सिर्फ इसलिए झूठा नहीं माना जा सकता क्योंकि उसकी वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
जस्टिस रविंदर दुडेचा ने यह टिप्पणी करते हुए दो विदेशी नागरिकों — स्टैनली चिमेइजी अलासोन्ये और हेनरी ओकोली — की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
अदालत ने कहा कि तकनीक जांच में मदद करती है, लेकिन पहले यह प्रक्रिया अनिवार्य नहीं थी, इसलिए इसकी गैर मौजूदगी से पुलिस की कार्रवाई पर शक नहीं किया जा सकता।
दोनों आरोपियों पर मादक पदार्थों के निर्माण में शामिल होने और फर्जी पासपोर्ट इस्तेमाल करने का आरोप है। अदालत ने कहा कि उनका भारत में कोई स्थायी पता नहीं है और वे फरार होने का जोखिम रखते हैं।
इसलिए, गंभीर आरोपों और मजबूत सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि उन्हें जमानत देना उचित नहीं है।

