दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना सहमति के महिलाओं, नाबालिग लड़कियों के वीडियो अपलोड करने वाले यूट्यूब व्लॉगर्स के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की
Praveen Mishra
20 July 2024 10:49 AM
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें यूट्यूब पर अपलोड की गई महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के वीडियो को उनकी सहमति के बिना हटाने की मांग की गई है।
कार्यवाहक चीफ़ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने के प्रति अनिच्छा व्यक्त की थी, जिसके बाद जनहित याचिका वापस ले ली गई।
तीन व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के अनधिकृत वीडियो अपलोड करने और उनके खातों को स्थायी रूप से ब्लॉक करने के लिए व्लॉगर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि जनहित याचिका वापस ली जा रही है, लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के अनुसार उचित कार्यवाही दर्ज करने की स्वतंत्रता मांगी गई।
खंडपीठ ने कहा, ''उपरोक्त स्वतंत्रता के साथ मौजूदा रिट याचिका का निपटारा किया जाता है.'' खंडपीठ में जस्टिस तुषार राव गेडेला भी शामिल हैं।
अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि सभी पक्षों के अधिकार और दलीलें खुली रखी गई हैं।