हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका
Amir Ahmad
1 Oct 2024 3:24 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के कई अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई, जिन्हें लद्दाख के लिए छठी अनुसूची का दर्जा मांगने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करते समय सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया है।
एडवोकेट विक्रम हेगड़े ने चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।
इस मामले की सुनवाई 03 अक्टूबर को होने की संभावना है।
याचिका में वांगचुक के नेतृत्व में सीनियर नागरिकों सहित व्यक्तियों के समूह को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को उठाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति मांगी गई है।
याचिका में 30 सितंबर को दिल्ली पुलिस द्वारा पारित निषेधाज्ञा रद्द करने की भी मांग की गई, जिसमें 30 सितंबर से 05 अक्टूबर तक किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र में पांच या अधिक अनधिकृत व्यक्तियों के एकत्र होने और धरना देने पर रोक लगाई गई।
याचिका में व्यक्तियों को निर्दिष्ट क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने की अनुमति मांगी गई।
जलवायु कार्यकर्ता पिछले महीने लेह से शुरू हुए दिल्ली चलो पदयात्रा नामक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। उन्हें 30 सितंबर की रात को लद्दाख के 120 अन्य लोगों के साथ सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया था।
मार्च का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी (LAB) ने किया था। LAB, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ मिलकर लद्दाख राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं।
वह लद्दाख को भारत के संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल करने और लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग की भी मांग कर रहे हैं। अन्य मांगों में लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें शामिल हैं।
पीआईएल के अलावा मार्च में शामिल व्यक्ति ने एक और याचिका दायर की, जिसमें उसे और कुछ अन्य लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मांगी गई, जिससे 02 अक्टूबर को राजघाट पर समाप्त होने वाला शांतिपूर्ण पर्यावरण जागरूकता मार्च निकाला जा सके।
याचिका में निषेधाज्ञा रद्द करने की भी मांग की गई।