"बचपन के मामूली मामलों पर बर्खास्तगी गलत" — छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अधिकारी को राहत दी
Praveen Mishra
6 Nov 2025 4:34 PM IST

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी की फूड इंस्पेक्टर पद से बर्खास्तगी रद्द कर दी है। अदालत ने कहा कि बचपन के मामूली मामलों को छिपाने के आधार पर नौकरी से हटाना मनमाना और अनुचित है।
चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा कि अधिकारी पर दर्ज दोनों आपराधिक मामले 2002 में हुए थे जब वह नाबालिग था, और 2007 में लोक अदालत में समझौते से समाप्त हो गए थे। इसलिए उसे किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 24(1) के तहत सुरक्षा मिलती है, जिसके अनुसार “बाल अपराधियों पर कोई स्थायी अयोग्यता नहीं लगाई जा सकती।”
अदालत ने यह भी कहा कि अधिकारी ने भारतीय नौसेना में 15 साल तक बेदाग सेवा की है, और बिना सुनवाई का अवसर दिए की गई बर्खास्तगी प्राकृतिक न्याय और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
इसलिए हाईकोर्ट ने कहा कि उसकी बर्खास्तगी और एकल न्यायाधीश का आदेश रद्द किया जाता है, और अधिकारी को राहत दी जाती है।

