हम जनहित याचिका के क्षेत्राधिकार में यह तय नहीं कर सकते हैं कि एक हिंदू कब वसीयत कर सकता है या मुसलमान वक्फ के लिए संपत्ति दान कर सकता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
24 Aug 2021 5:40 AM GMT
![हम जनहित याचिका के क्षेत्राधिकार में यह तय नहीं कर सकते हैं कि एक हिंदू कब वसीयत कर सकता है या मुसलमान वक्फ के लिए संपत्ति दान कर सकता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट हम जनहित याचिका के क्षेत्राधिकार में यह तय नहीं कर सकते हैं कि एक हिंदू कब वसीयत कर सकता है या मुसलमान वक्फ के लिए संपत्ति दान कर सकता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट](https://hindi.livelaw.in/h-upload/images/750x450_chhattisgarh-hc-3jpg.jpg)
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि एक हाईकोर्ट जनहित याचिका के अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए इस सवाल का फैसला नहीं कर सकता है कि एक हिंदू कब वसीयत निष्पादित कर सकता है या एक मुसलमान वक्फ के लिए संपत्ति दान कर सकता है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनी दुबे ने तर्क दिया कि इस तरह के प्रश्नों का निर्णय केवल व्यक्तिगत याचिकाओं के माध्यम से किया जा सकता है, जनहित याचिकाओं के माध्यम से नहीं।
कोर्ट ने कहा,
"पीआईएल क्षेत्राधिकार में यह न्यायालय निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता है कि एक हिंदू कब वसीयत निष्पादित कर सकता है या कब और कौन सी संपत्ति एक मुसलमान वक्फ के लिए समर्पित कर सकता है, क्योंकि ऐसे मामलों का फैसला एक व्यक्तिगत याचिका में किया जाता है।"
अदालत एक जनहित याचिका पर विचार कर रही थी। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने कानूनी स्थिति की घोषणा या स्पष्टीकरण के लिए प्रार्थना की थी कि नजूल संपत्ति (पट्टे की जमीन) को वक्फ के लिए समर्पित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि पट्टा भूमि धारक केवल एक उपयोगकर्ता है भूमि का स्वामित्व सरकार के पास है।
कोर्ट ने कहा,
"रिट कोर्ट आमतौर पर कानून के अमूर्त सिद्धांतों को तय नहीं करते हैं।"
न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि दिए गए तथ्यों के आधार पर चुनाव लड़ने वाले पक्षों के बीच न्यायालय के समक्ष उचित वाद लाया जाता है, तो सक्षम क्षेत्राधिकार न्यायालय कानूनी स्थिति का निर्णय करेगा।
मामले के पूर्वोक्त दृष्टिकोण में जनहित याचिका याचिकाकर्ता के पक्ष में एक उपयुक्त मुकदमे में इस मुद्दे की सुनवाई करने के लिए स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने का निपटारा किया जाता है, जिसमें मामले के तथ्यों पर विषय मुद्दा शामिल है।
शीर्षक: सैयद इकबाल अहमद रिज़वी बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य।
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