UAPA: जेकेएल हाईकोर्ट ने 11 साल पुराने ऑनलाइन आर्टिकल में गिरफ्तार पीएचडी स्कॉलर को जमानत देने से इनकार किया
Shahadat
24 Dec 2022 10:25 AM IST
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कश्मीर यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे 11 साल पहले "अत्यधिक भड़काऊ और राजद्रोही" ऑनलाइन पोस्ट लिखने के लिए इस साल की शुरुआत में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
विशेष अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद अब्दुल आला फज़िली ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम की धारा 21 के तहत हाईकोर्ट का रुख किया। उसने जनवरी, 2023 तक अपनी पीएचडी थीसिस को पूरा करने और जमा करने के लिए एक महीने की अवधि के लिए जमानत मांगी।
जस्टिस राजेश ओसवाल और जस्टिस पुनीत गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि फाजली के खिलाफ लगाए गए आरोप उसे अब तक जमानत देने के लिए राजी नहीं करते हैं। हालांकि, इसने संबंधित जेल अधिकारियों को इस संबंध में एक महीने की अवधि के लिए उचित सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
फज़िली के वकील ने प्रस्तुत किया कि 22 जनवरी, 2023 तक थीसिस जमा करने में विफल रहने पर उसकी पीएचडी थीसिस जमा करने का अधिकार खत्म हो जाएगा। वकील ने आग्रह किया कि फज़िली को थीसिस जमा करने के अपने अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह उसे जमा करने का आखिरी मौका है।
हालांकि प्रतिवादियों ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया कि इसमें गंभीर अपराध शामिल हैं और यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि फज़िली ने प्रायोगिक डेटा संकलन के लिए न्यूनतम 4-6 महीने की अवधि पहले ही पूरी कर ली है, जैसा कि पाठ्यक्रम में निर्धारित किया गया है।
केस टाइटल : अब्दुल आला फज़िली बनाम यूटी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर
कोरम : जस्टिस रजनीश ओसवाल और जस्टिस पुनीत गुप्ता।
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