त्रिपुरा हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को कथित रूप से अपहरण करके बांग्लादेश ले जायी गई 16 वर्षीय लड़की को बरामद करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

28 Nov 2021 6:15 AM GMT

  • Once The Investigation Is Completed It Is Mandatory For The Police To Inform The Informant About Action Taken: Tripura High Court

    त्रिपुरा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की एक नाबालिग युवती (16 वर्षीय) की बरामदगी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विचार करते हुए राज्य पुलिस विभाग को उसकी जल्द से जल्द बरामदगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

    इस नाबालिग लड़की को कथित तौर पर अपहरण कर बांग्लादेश ले जाया गया है। लड़की के पिता ने कोर्ट में हैबियस कार्पस पिटिशन दायर की थी।

    मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने पुलिस अधिकारियों को बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग से संबंधित पुलिस स्टेशन के साथ आगे की कार्रवाई करने और बांग्लादेश पुलिस अधिकारियों की सहायता के लिए नाबालिग की बरामदगी के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध करने के लिए अधिकृत किया।

    हाईकोर्ट ने इसके अलावा, 14 दिसंबर, 2021 को मामले को सूचीबद्ध करते हुए एक स्टेटस रिपोर्ट मांगी और इस घटना में नाबालिग लड़की को मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज किया जाएगा।

    अदालत नाबालिग लड़की के पिता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी। इसमें उसकी नाबालिग बेटी की बरामदगी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट जारी करने की मांग की गई है।

    अदालत के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया कि लड़की का अपहरण आठ सितंबर, 2021 को किया गया था और पश्चिम अगरतला महिला पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 366-ए, 212, 109 और 34 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।

    कोर्ट ने मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट का अवलोकन किया और विस्तृत रिपोर्ट से पाया कि लापता बच्ची का पता लगाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं।

    अदालत ने यह भी कहा कि जांच के दौरान, जांच अधिकारी ने यह पता लगाया कि कथित पीड़िता को बांग्लादेश ले जाया गया। पुलिस अधिकारियों ने बांग्लादेश में अपने समकक्षों के साथ मिलकर कथित लड़की की शीघ्र बरामदगी के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

    इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, न्यायालय ने प्रथम दृष्टया पाया कि कथित पीड़िता नाबालिग है और इसलिए, अदालत ने कहा कि यह आवश्यक है कि उसकी जल्द से जल्द वापस लाने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।

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