उसे स्थान देने का त्वरित प्रयास करें: केरल हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकार किशोरी को स्कूल द्वारा प्रवेश देने से इनकार करने पर कहा
LiveLaw News Network
1 Dec 2021 9:42 AM IST
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि यौन उत्पीड़न की शिकार नाबालिग को स्कूल में सीट दिलाने के लिए सभी प्रयास शीघ्रता से किए जाएंगे। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि उसे स्कूल में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति राजा विजयराघव एक 17 वर्षीय लड़की की मां द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुना रहे थे। लड़की यौन शोषण का शिकार हो गई थी। अपनी याचिका में उसने आरोप लगाया कि एक सरकारी स्कूल उसकी बेटी को प्रवेश देने से इनकार कर रहा है।
उसके लिए उक्त स्कूल में शिफ्ट होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिस स्कूल में बच्ची पहले पढ़ रही थी वह आरोपी के घर के पास स्थित है। यह भी तर्क दिया गया कि पीड़िता को अभी भी कुछ व्यक्तियों द्वारा ताना मारा जा रहा है।
अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उसने सरकारी व्यावसायिक उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थानांतरण प्रवेश के लिए आवेदन किया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता आर. गोपन ने दावा किया कि हालांकि उक्त स्कूल में पर्याप्त रिक्तियां है। फिर भी किसी न किसी कारण से पीड़िता को प्रवेश से इनकार कर दिया गया। प्रतिवादियों के समक्ष कई अभ्यावेदन दायर किए गए, जो सभी लंबित है।
हालांकि, मंगलवार को जब मामला उठाया गया तो वरिष्ठ सरकारी वकील ने प्रस्तुत किया कि प्रतिवादी बच्ची को उक्त स्कूल में प्रवेश देने के लिए सभी गंभीर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन चूंकि स्कूल में कोई खाली सीट नहीं है, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि उसे एक सीट प्रदान की जाए।
इस दलील को कोर्ट ने दर्ज कर लिया और लड़की को स्कूल में दाखिल कराने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
10 दिसंबर को फिर मामले की सुनवाई की जाएगी।