जयपुर साहित्य महोत्सव में टिप्पणियों मामले में आशीष नंदी को राहत
Shahadat
12 Sept 2025 10:06 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भारतीय मनोवैज्ञानिक और आलोचक आशीष नंदी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया। आशीष नंदी ने 203वें जयपुर साहित्य महोत्सव में यह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी कि अधिकांश भ्रष्ट लोग समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों से आते हैं।
यद्यपि न्यायालय ने पाया कि ये टिप्पणियां आपत्तिजनक थीं। उन्होंने इनकी कड़ी निंदा की। फिर भी नंदी की वर्तमान आयु (90 वर्ष) और उनके द्वारा बिना शर्त माफ़ी मांगने को देखते हुए इन मामलों को रद्द करना उचित समझा।
जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की खंडपीठ ने आदेश दिया:
"यद्यपि हम याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, हमारा मत है कि मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए और यह भी ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता अब नब्बे वर्ष के हो गए हैं, हम निर्देश देते हैं कि आपराधिक शिकायतों को रद्द किया जाए।"
अदालत ने नोट किया कि जब नंदी ने ये टिप्पणियां कीं तो पैनल के अन्य सदस्य ने उन पर आपत्ति जताई थी।
आपत्ति से सहमति जताते हुए न्यायालय ने कहा,
"हम उठाई गई आपत्ति से पूरी तरह सहमत हैं। हमें यह बयान बेहद आपत्तिजनक लगता है। हम इन बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, खासकर इसलिए, क्योंकि यह याचिकाकर्ता के दर्जे और उसकी स्वघोषित प्रसिद्धि के अनुरूप नहीं है।"
हालांकि, अंततः अदालत ने यह देखते हुए कि ये मामले लगभग 12 वर्षों से नंदी के सिर पर लटके हुए और उन्होंने बिना शर्त माफ़ी मांग ली थी, इन मामलों को रद्द कर दिया।
अदालत ने कहा,
"हमने देखा है कि याचिकाकर्ता अब 90 वर्ष के हो चुके हैं। पिछले लगभग 12 वर्षों से आपराधिक मामले उनके सिर पर डैमोकल्स की तलवार की तरह लटके हुए। हमारा मानना है कि आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया जाना चाहिए, खासकर इस संदर्भ में कि इस अदालत के समक्ष एक पत्र में बिना शर्त और स्पष्ट रूप से माफ़ी मांगी गई।"

