आम हड़ताल में भाग लेने वाले राज्य सरकार के कर्मचारी अनुच्छेद 19(1)(सी) के तहत संवैधानिक संरक्षण के हकदार नहीं: केरल हाईकोर्ट
Avanish Pathak
6 Jan 2023 4:19 PM IST
केरल हाईकोर्ट ने केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ पिछले साल 28 और 29 मार्च को हुई आम हड़ताल में शामिल सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई का आदेश दिया।
चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चाली की एक खंडपीठ ने दोहराया कि सरकारी कर्मचारी जो आम हड़ताल में भाग लेते हैं, जनता के सामान्य जीवन को और सरकारी खजाने को प्रभावित करते हैं, वे संविधान के अनुच्छेद 19(1)(सी) के तहत सुरक्षा के हकदार नहीं हैं। यह प्रावधान एसोसिएशन या यूनियनों को बनाने के अधिकार की रक्षा करता है।
कोर्ट ने जी बालगोपालन बनाम केरल राज्य और अन्य के मामले में माना कि श्रमिकों या संघों को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(सी) के तहत कोई कानूनी अधिकार नहीं है कि वे मौलिक अधिकार की गारंटी की आड़ में आम हड़ताल का आह्वान करें या कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाएं।
इस प्रकार मामले पर भरोसा करते हुए, न्यायालय ने पाया कि दोषी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केरल सेवा नियम और केरल सरकार सेवक आचरण नियम, 1960 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है।
उल्लेखनीय कोर्ट ने एक वकील की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश दिया, जिसने 28 और 29 मार्च, 2022 को आयोजित आम हड़ताल असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले साल 28 और 29 मार्च को ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित आम हड़ताल में राज्य सरकार के कर्मचारियों को वेतन और छुट्टी की अनुमति देकर उनकी सहायता की।
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में, राज्य सरकार ने हड़ताल के दिनों में अनुपस्थिति को नियमित करने की पेशकश करके सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आम हड़ताल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
राज्य (प्रथम प्रतिवादी) ने प्रस्तुत किया कि उसने सामान्य हड़ताल को रोकने के लिए निर्देश जारी किए थे और सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया कि वे कर्मचारियों की अनधिकृत अनुपस्थिति (हड़ताल में भाग लेने वाले) को नियम 14 भाग I केएसआर तहत गैर-मौजूदगी मानें। उन दिनों के लिए जिनमें हड़ताल हो रही है, उनके वेतन को रोका लिया जाए।
कोर्ट ने यह विचार करते हुए कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की पहचान कर केरल सेवा नियमों और अन्य अधिसूचनाओं के प्रावधानों के अनुसार राज्य द्वारा उचित कार्रवाई की जा रही है, मामले को निस्तारित करना उचित समझा।
केस टाइटल: चंद्र चूडेन नायर बनाम केरल राज्य और अन्य।
साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (केरल) 9