धारा 482 सीआरपीसी याचिका असाधारण मामलों में सुनवाई योग्य, जहां सीआरपीसी के तहत पुनर्विचार का उपचार उपलब्ध: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
Avanish Pathak
26 Aug 2022 8:11 PM IST
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल के एक मामले में माना कि धारा 482 सीआरपीसी के तहत एक याचिका सुनवाई योग्य है क्योंकि निचली अदालत ने याचिकाकर्ता के खाते में राशि (संपत्ति) को फ्रीज करने के लिए धारा 451 सीआरपीसी के तहत आदेश पारित करने में गलती की थी, जिसका किसी भी अपराध के साथ कोई उचित संबंध नहीं था।
कोर्ट ने प्रभु चावला बनाम राजस्थान राज्य (2016) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए दोहराया कि धारा 397 सीआरपीसी असाधारण परिस्थितियों में धारा 482 सीआरपीसी के तहत याचिका को बनाए रखने के लिए एक रोक नहीं है।
तथ्य
एसपीई और एसीबी मामलों के विशेष न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश द्वारा याचिकाकर्ता के भारतीय स्टेट बैंक के बैंक खाते को फ्रीज करने के आदेश को चुनौती देने के लिए आपराधिक याचिका दायर की गई थी।
प्रतिवादी ने आपराधिक साजिश के आरोप में धारा 102 सीआरपीसी (किसी भी अपराध के होने का संदेह होने वाली संपत्ति को जब्त करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति) के तहत शक्तियों का उपयोग करके याचिकाकर्ता कंपनी के चालू खाते को फ्रीज कर दिया था।
निष्कर्ष
मामले में जस्टिस डी रमेश ने कहा कि खाते को फ्रीज करने के समय याचिकाकर्ता के पास केवल 2 करोड़ थे और बाद में याचिकाकर्ता को व्यवसाय चलाने के लिए विभिन्न ग्राहकों से राशि प्राप्त हुई थी, इसलिए, बाद की राशि को फ्रीज नहीं किया जा सकता था क्योंकि राशि का अपराध के के साथ संबंध होने के बारे में कोई उचित संदेह नहीं था।
तदनुसार, न्याय के लक्ष्य को सुरक्षित करने के लिए, न्यायालय ने मामले को नए सिरे से विचार के लिए डिवीजन बेंच को भेज दिया।
केस टाइटल: मैसर्स डिजाइन टेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम आंध्र प्रदेश राज्य