सीआरपीसी की धारा 452 | आपराधिक मामले में बरी होने के बाद अपील की अवधि लंबित होने का हवाला देकर पासपोर्ट देने से इनकार नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

Shahadat

4 July 2023 7:02 AM GMT

  • सीआरपीसी की धारा 452 | आपराधिक मामले में बरी होने के बाद अपील की अवधि लंबित होने का हवाला देकर पासपोर्ट देने से इनकार नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसी आरोपी को ट्रायल कोर्ट द्वारा बरी किए जाने पर उसका पासपोर्ट इस आधार पर नहीं रोका जा सकता है कि बरी करने के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अवधि अभी खत्म नहीं हुई।

    जस्टिस एम नागाप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने फ्रांसिस जेवियर क्रैस्टो द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली और संबंधित अदालत को उसका पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया।

    याचिकाकर्ता अपराध में आपोरी है और एफआईआर के अनुसार, उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया। सत्र न्यायालय ने 12 अप्रैल, 2023 के आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता को बरी कर दिया, लेकिन जब्त पासपोर्ट के संबंध में सीआरपीसी की धारा 452 के तहत कोई आदेश पारित नहीं किया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने पासपोर्ट वापस करने के लिए सीआरपीसी की धारा 452 के तहत आवेदन दायर किया।

    निचली अदालत ने इस आधार पर आवेदन खारिज कर दिया कि बरी करने के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अवधि अभी लंबित है।

    ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश में उल्लिखित कारण पर गौर करने पर अदालत ने कहा,

    "प्रत्यक्ष रूप से बताया गया कारण गलत है, क्योंकि याचिकाकर्ता के बरी होने के बाद जब्त किए गए पासपोर्ट को केवल इसलिए नहीं रोका जा सकता, क्योंकि उक्त आदेश के विरुद्ध अपील दायर की गई।”

    इसलिए इसने याचिका स्वीकार कर ली और संबंधित अदालत को याचिकाकर्ता के पक्ष में पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया।

    केस टाइटल: फ्रांसिस जेवियर क्रैस्टो और कर्नाटक राज्य

    केस नंबर: की आपराधिक याचिका संख्या 4781/2023

    आदेश की तिथि: 21-06-2023

    अपीयरेंस: याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट हशमत पाशा, एडवोकेट करिअप्पा एन.ए., एचसीजीपी महेश शेट्टी

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