केवल शादी की सही तारीख का उल्लेख न होने पर तलाक की अर्जी खारिज नहीं की जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट

Shahadat

16 Aug 2022 1:42 PM IST

  • केवल शादी की सही तारीख का उल्लेख न होने पर तलाक की अर्जी खारिज नहीं की जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि तलाक के लिए आवेदन में केवल शादी की सही तारीख का उल्लेख न होने आवेदन को खारिज करने का कारण नहीं हो सकता।

    जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने कहा कि अगर फैमिली कोर्ट को संदेह है कि शादी के पहलू पर निष्कर्ष अनिर्णायक हैं तो वह पक्षकारों से सवाल पूछने के लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 165 के तहत शक्तियों का प्रयोग कर सकती है, ताकि आवेदन में किए गए कथनों की सत्यता सत्यापित किया जा सके।

    वर्तमान अपीलकर्ता द्वारा फैमिली कोर्ट द्वारा पारित जजमेंट/डिक्री का विरोध करते हुए अपील दायर की गई। फैमिली कोर्ट के उक्त निर्णय में अपीलकर्ता और प्रतिवादी द्वारा हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से तलाक की डिक्री की मांग करने वाले आवेदन को खारिज कर दिया गया।

    फैमिली कोर्ट ने पाया कि पक्षकार हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी शादी के तथ्य को साबित नहीं कर सके हैं। इस तरह वे तलाक के डिक्री के हकदार नहीं है। फैमिली कोर्ट ने यह भी कहा कि 'तलाकशुदा श्रेणी' के तहत सरकारी नौकरी पाने के मकसद से आवेदन को प्राथमिकता दी गई है।

    अपील और साथ ही आपसी सहमति से पक्षों के बीच तलाक की अनुमति देते हुए हाईकोर्ट ने कहा,

    "अपीलकर्ता और प्रतिवादी द्वारा तलाक के आवेदन की दलीलों के समर्थन में उचित हलफनामा दायर किया गया कि उन्होंने वर्ष 2007 में एक-दूसरे से शादी की। विवाह समारोह की तस्वीरें भी तलाक के आवेदन के साथ संलग्न की गई है। यह सच है कि तलाक की अर्जी में शादी की सही तारीख का जिक्र नहीं किया गया, लेकिन सिर्फ इसी वजह से तलाक की अर्जी खारिज नहीं की जा सकती।"

    कोर्ट ने आगे कहा कि सरकारी रोजगार के संबंध में फैमिली कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित और काल्पनिक हैं।

    पक्षकारों के वकीलों ने आग्रह किया कि फैमिली कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ आवेदन को खारिज करना पूरी तरह से अनुचित है कि उनकी शादी संदेहात्मक है। उन्होंने आग्रह किया कि तलाक के आवेदन में पक्षकारों का विशिष्ट अनुमान है कि उन्होंने वर्ष 2007 में हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करते हुए शादी की। उन्होंने बताया कि शादी समारोह की तस्वीरें भी आवेदन के साथ संलग्न की गई हैं।

    केस टाइटल: रेखा कुमारी बनाम हेमेंद्र चौधरी @ हेमराज

    साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (राज) 219

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