पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फर्जी लोन ऐप के जरिए फोन हैक और ब्लैकमेल करने के लिए 'अंतरंग' तस्वीरें एक्सेस करने के आरोपी व्यक्तियों को जमानत देने से इनकार किया

Shahadat

9 Jan 2023 5:33 AM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फर्जी लोन ऐप के जरिए फोन हैक और ब्लैकमेल करने के लिए अंतरंग तस्वीरें एक्सेस करने के आरोपी व्यक्तियों को जमानत देने से इनकार किया

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ब्लैकमेल और फोन हैकिंग के मामले में तीन लोगों को जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी लोन आवेदन को डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजते थे, पूरे फोन डेटा का उपयोग करते थे और फिर अपने संपर्कों के साथ उनकी 'अंतरंग' तस्वीरों को साझा करने की धमकी देकर फंसे हुए लोगों को ब्लैकमेल करते थे।

    जस्टिस अनूप चितकारा ने कहा कि आरोपी आधार कार्ड और सिम कार्ड की खरीद की प्रक्रिया में खामियों का फायदा उठाने में सक्षम है। पीठ ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप "शिकायतकर्ता को अपने मोबाइल फोन पर ऐप डाउनलोड करने और बाद में उसे पैसे देने के लिए लुभाने के लिए गिरोह की गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी" का है।

    अदालत ने कहा,

    "आश्चर्यजनक रूप से याचिकाकर्ता अन्य व्यक्तियों के नाम पर सिम कार्ड प्राप्त करने और ऐसे दस्तावेजों के साथ बैंक खाते खोलने में सक्षम है। अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए याचिकाकर्ता इस चरण में जमानत के हकदार नहीं हैं।"

    शिकायतकर्ता के अनुसार, उसे अपने मोबाइल नंबर पर एक यूआरएल लिंक वाला एसएमएस प्राप्त हुआ, जिससे उसे 'ह्यूगो लोन एप्लिकेशन' नामक मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया गया। लिंक खोलने पर मोबाइल एप्लिकेशन ने शिकायतकर्ता से अपने सभी फोन संपर्क और उसकी फोटो गैलरी तक पहुंचने की अनुमति मांगी, जो उसके द्वारा दी गई।

    इसके बाद उसने अपना सारा विवरण भर दिया और फोन एप्लिकेशन द्वारा उत्पन्न परिणामों के अनुसार, वह 3500 रुपये के लोन के लिए पात्र था। हालांकि, उसने लोन के लिए आवेदन नहीं किया। बाद में उसे धमकी भरे कॉल और व्हाट्सएप संदेश प्राप्त हुए, जिसमें उसे अपनी नग्न तस्वीरें भेजी गईं - जिन्हें आरोपी व्यक्तियों ने कथित तौर पर लोन के बहाने अवैध रूप से डाउनलोड किया था।

    शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि उसकी तस्वीरें उसके परिवार के सदस्यों को पहले ही भेज दी गईंऔर स्कैमर्स ने उसे पैसे के लिए ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। धमकी महसूस कर शिकायतकर्ता ने आरोपी व्यक्तियों को 5000 रूपए से अधिक ट्रांसफर कर दिए, जो उसे पैसे देने की धमकी देते रहे, यह कहते हुए कि वे तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे।

    इसके बाद तीन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384, 420, 468, 471, 509 और 120बी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी और 67 और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई।

    जांच के दौरान चंडीगढ़ पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

    अदालत को बताया गया,

    "धोखाधड़ी में बड़ी राशि की संलिप्तता और शेल/फर्जी कंपनियों और फर्मों के बैंक खातों में प्रचलन में होने के कारण चंडीगढ़ पुलिस ने ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर मामला उठाने के लिए लिखा है।"

    पुलिस ने यह भी कहा कि फर्जी लोन घोटाला "मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के फर्जी अकाउंट से लेनदेन की सीरीज के माध्यम से चीन में 100 करोड़ रुपये के हवाला हस्तांतरण के व्यापक सांठगांठ का हिस्सा है।"

    केस टाइटल: सुनील कुमार चौहान बनाम यूटी राज्य, मधुकर दुबे बनाम यूटी राज्य और अकरम मोहम्मद बनाम यूटी राज्य

    साइटेशन: CRM-M-56637-2022, CRM-M-56861-2022 और CRM-M-59323-2022

    कोरम: जस्टिस अनूप चितकारा

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