[COVID-19 मामलों में वृद्धि]- पटना हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल, 2021 तक संपूर्ण कामकाज वर्चुअल माध्यम से करने का निर्णय लिया

LiveLaw News Network

6 April 2021 10:18 AM GMT

  • Patna HC Takes Judicial Notice Of A Huge Structure Located Adjacent To The Newly Inaugurated Centenary Building

    पटना हाईकोर्ट ने राज्य में हाल ही में COVID-19 मामलों वृद्धि मामलों में वृद्धि के कारण 6 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2021 तक "विशेष रूप से वर्चुअल मोड के माध्यम से" अदालत के पूर्ण कामकाज का संचालन करने का निर्णय लिया है।

    यह संशोधन भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के मद्देनजर हुआ है। इसके साथ ही राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 3 अप्रैल, 2021 को COVID-19 के पॉजिटिव मामलों में आए उछाल का भी हवाला दिया।

    हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया:

    "जैसा कि निर्देश दिया गया है कि भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा जारी ताजा दिशानिर्देशों के मद्देनजर दिनांक 03.04.21 को और कोरोना पॉजिटिव के मामलों में हालिया उछाल को देखते हुए सक्षम अधिकारी ने निर्णय लिया है कि0 अदालत का कामकाज 06.04.2021 से 17.04.2021 तक "विशेष रूप से वर्चुअल मोड के माध्यम से" संचालित किया जाएगा। इसके बाद, सूचना संख्या- III (मार्च / 21), IV (मार्च / 21) और VI (मार्च / 21) प्रकाशित आगामी आदेश तक दिनांक 05.04.2021 को सूची में रखा गया है। "

    इसके अलावा, नोटिस में यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश तब तक "सख्ती से निषिद्ध" होगा जब तक कि अगले आदेश की अधिसूचना जारी नहीं की जाती।

    विभिन्न न्यायालयों में COVID-19 मामलों में अचानक वृद्धि के कारण हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों में फिजिकल सुनवाई स्थगित करने के समान निर्णय हाल ही में संबंधित हाईकोर्ट द्वारा लिए गए हैं।

    जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने सोमवार को 18 अप्रैल तक मामलों की फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू करने की अपनी योजना को रद्द करने का फैसला किया। इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा गया कि केंद्रशासित प्रदेश में हाईकोर्ट, जिला न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में फिजिकल सुनवाई अब से वर्चुअल मोड के माध्यम से की जाएगी।

    इसी तरह बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी अपने एसओपी को संशोधित किया, जो मुंबई में अपनी प्रिंसिपल सीट पर बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित करता है कि आपराधिक मामलों को फिजिकल रूप से सुना जाएगा, जबकि सिविल मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुना जाएगा। यह भी तय किया गया कि CJ की अदालत एक हाइब्रिड प्रारूप में कार्य करेगी और फिजिकल और वर्चुअल दोनों माध्यम से मामलों की सुनवाई करेगी।

    इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी शनिवार को हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों के कामकाज के लिए अतिरिक्त एसओपी जारी किए। उक्त एसओपी सोमवार को प्रभावी हो गई।

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