प्रोमोशनल मैसेज प्राप्त न करने के अनुरोध के बावजूद आ रहे थे गैर जरूरी एसएमएस, लोक अदालत ने टेलीकॉम कंपनी पर जुर्माना लगाया

LiveLaw News Network

12 May 2021 12:27 PM GMT

  • प्रोमोशनल मैसेज प्राप्त न करने के अनुरोध के बावजूद आ रहे थे गैर जरूरी एसएमएस, लोक अदालत ने टेलीकॉम कंपनी पर जुर्माना लगाया

    प्रोमोशनल मैसेज प्राप्त न करने के अनुरोध के बावजूद आने वाले गैर जरूरी एसएमएस से परेशान होकर एडवोकेट मनोज कुमार रोहिल्ला ने परमानेंट लोक अदालत में टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और मैसेज भेजने वाले खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया।

    कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद बीएसएनएल व मैसेज भेजने वाली कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया। कोर्ट ने वादी को होने वाली मानसिक परेशानी, कोर्ट में उसके आने-जाने पर हुए और दूसरे खर्चों को लेकर लेकर उत्तरदाताओं पर ₹37000 का जुर्माना लगाया।

    कई बार लोगों को अपने फ़ोन में आवंछित मार्केटिंग संदेशों के आने से बहुत परेशानी महसूस होती है. इस तरह के सन्देश और कॉल में सर्विस सम्बन्धी विशेष जानकारियां नहीं होतीं, जिस वजह से ऐसे कॉल अथवा सन्देश उपयोगी नहीं होते और इन्हें बंद कराना ही सही प्रतीत होता है. इन सबसे बचने के लिए डीएनडी का प्रयोग किया जाता है. डीएनडी कहने का आशय 'डू नॉट डिस्टर्ब' है। ये सर्विस 'टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया' द्वारा शुरू की गयी थी, जिसे भारत के सभी टेलिकॉम कंपनियों को मानना पडता है।

    इस सर्विस के इस्तेमाल से ग्राहक टेलिकॉम कंपनियों के अनावश्यक फ़ोन कॉल तथा एसएमएस को अपने फ़ोन में आने से रोक सकता है। यदि कोई ग्राहक अपना मोबाइल नंबर डीएनडी के अंतर्गत पंजीकृत कराता है, तो उसके फ़ोन में किसी भी तरह के ग़ैर ज़रूरी एसएमएस या कॉल कंपनी की तरफ से नहीं आएंगे।

    'यदि आप अपने फ़ोन में किसी भी तरह के मार्केटिंग मैसेज अथवा कॉल नहीं चाहते हों', तो इसके लिए अपने मोबाइल से 'START 0' लिख कर 1909 पर भेजें। ऐसा करने पर आपके फ़ोन में डीएनडी एक्टिवेट हो जाएगा, और किसी भी तरह के अलर्ट्स आपके फ़ोन में नहीं आयेंगे।

    मगर पीड़िता पिछले कुछ दिनों से इस तरह के मैसेज के लगातार आने से परेशान थे। उन्होंने इसे रोकने के लिए बीएसएनएल को DND helpline number 1909 पर की। फिर भी उनकी शिकायत का कोई समाधान नहीं निकाला और मजदूर होकर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।

    अपने केस के बचाव में बीएसएनएल की तरफ से यह दलील दी गई की प्रमोशनल मैसेज न ही उनके द्वारा भेजे जा रहे हैं और न ही उनका उनके ऊपर कोई कंट्रोल है। अगर शिकायतकर्ता को शिकायत करनी है तो वह TRAI को कर सकता है। बीएसएनएल ने यह भी दलील दी की 1909 की सेवा पर भी उनका कोई कंट्रोल नहीं है और यह सेवा उपभोक्ता को सीधे TRAI के माध्यम से दी जाती है।

    हालांकि इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने विभिन्न केस लॉ व TRAI की नोटिफिकेशन कोर्ट के सामने पेश की।

    पीड़िता पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने बीएसएनएल और मैसेज भेजने वाली कंपनी जुर्माना लगाते हुए केस का निपाटारा किया।

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