गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 244 ग्रामीणों को बेदखल करने के असम सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, अधिकारियों को उनके रिप्रेजेंटेशन पर फैसला करने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

21 Dec 2021 12:05 PM GMT

  • गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 244 ग्रामीणों को बेदखल करने के असम सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, अधिकारियों को उनके रिप्रेजेंटेशन पर फैसला करने का निर्देश दिया

    Gauhati High Court

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बुधवार को असम सरकार को सोनितपुर जिले में ढेकियाजुली कस्बे 244 लोगों को बाहर निकालने से रोक दिया।

    सर्कल ऑफिसर, ढेकियाजुली रेवेन्यू सर्कल ने 15 नवंबर, 2021 को बससीमलु गांव के निवासियों को बेदखली नोटिस जारी कर उन्हें सरकारी जमीन खाली करने का निर्देश दिया था, जिस पर उन्होंने कथित रूप से कब्जा कर लिया था। सर्कल ऑफिसर ने याचिकाकर्ताओं को एक महीने के भीतर जमीन खाली करने को भी कहा था, ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

    इसके बाद, ग्रामीणों ने 3 दिसंबर, 2021 को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री के समक्ष उक्त बेदखली नोटिस के खिलाफ एक रिप्रेजेंटेशन दिया, जिसमें उन्हें बेदखल न करने की प्रार्थना की गई, और उसके बाद उन्होंने रिप्रेजेंटेशन की एक प्रति सर्कल ऑफिसर को दी थी। बाद में बेदखली के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    जस्टिस मनश रंजन पाठक ने बुधवार को सरकार के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि जब तक याचिकाकर्ताओं के रिप्रेजेंटेशन का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक संबंधित सर्कल ऑफिसर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे।

    कार्यवाही के दौरान, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि 81 व्यक्तियों ने पहले असम भूमि और राजस्व विनियमन के नियम 18(2)(3) के तहत जारी किए गए समान बेदखली नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें कथित सरकारी भूमि के इस टुकड़े पर समझौता करने की मांग की गई थी।

    इसके अलावा, इन 81 याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि 29 नवंबर, 1978 को राज्य सरकार की एक अधिसूचना के अनुसार विवादित भूमि उनके कब्जे में थी। आगे यह तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता इन 81 लोगों के वंशज हैं।

    जस्टिस पाठक ने नोट किया,

    "21.07.1989 के आदेश और निर्णय द्वारा यह कहा गया है, इस न्यायालय की एक खंडपीठ ने उक्त सिविल नियम संख्या 867/1982 को इस टिप्पणी के साथ निपटाया कि उक्त सिविल नियम संख्या 867/1982 के याचिकाकर्ताओं को तब तक बेदखल नहीं किया जाएगा जब तक कि उनकी भूमि के बंदोबस्त का प्रश्न उक्त निर्णय में निर्दिष्ट नीतिगत निर्णय के अनुसार उचित प्राधिकारी द्वारा तय नहीं किया जाता है, यदि उक्त निर्णय की तिथि यान‌ी 21.07.2018 को उस मामले में शामिल भूमि पर उनका कब्जा है।"

    अदालत ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त, सोनितपुर, तेजपुर, अतिरिक्त उपायुक्त (राजस्व), सोनितपुर, तेजपुर, प्रतिवादी संख्या 3 और अंचल अधिकारी, ढेकियाजुली राजस्व मंडल, ढेकियाजुली, सोनितपुर को सुनवाई की अगली तारीख यानी 2 फरवरी, 2022 को बेदखली के आक्षेपित नोटिस जारी करने के कारणों से न्यायालय को अवगत कराने का निर्देश दिया।

    उल्लेखनीय है कि असम सरकार सरकारी भूमि पर कथित अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक बेदखली अभियान चला रही है। जिन लोगों को बेदखल करने का निर्देश दिया गया है, उनमें से कई बंगाली मूल के गरीब मुसलमान हैं। ऐसे ही एक अभियान के दरमियान अक्टूबर में दारांग जिले के सिपाझार इलाके में असम पुलिस ने बेदखली का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर गोली चला दी थी, जिनमें दो लोगों की मौत हो गई थी ।

    केस शीर्षक: इन्नाची अली और अन्य बनाम असम राज्य

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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