'अखबार में रिपोर्ट छपती है और अगली सुबह रिट दायर': कलकत्ता हाईकोर्ट ने जादवपुर यूनिवर्सिटी में "प्रतिबंधित स्टूडेंट यूनियन" के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

Shahadat

28 Aug 2023 10:58 AM GMT

  • अखबार में रिपोर्ट छपती है और अगली सुबह रिट दायर: कलकत्ता हाईकोर्ट ने जादवपुर यूनिवर्सिटी में प्रतिबंधित स्टूडेंट यूनियन के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुवेंदु अधिकारी द्वारा "रिविजनरी स्टूडेंट्स यूनियन/फेडरेशन" के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी। "रिविजनरी स्टूडेंट्स यूनियन/फेडरेशन" कथित तौर पर प्रतिबंधित स्टूडेंट यूनियन है। यह स्टूडेंट यूनियन जादवपुर यूनिवर्सिटी के भीतर से संचालित हो रहा है।

    चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने रिट याचिका पर गौर करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा,

    “क्या आप रिट याचिका को लेकर बहुत गंभीर हैं? हमें इसकी उम्मीद नहीं है। समाचार पत्रों की रिपोर्ट, अगले दिन सुबह रिट याचिका। हमें समाचार पत्रों से ही पता चलता है कि प्रतिवादी पुलिस द्वारा पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसलिए इस रिट याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं है...खुद को थकाओ मत। रिट याचिका वापस ली गई मानकर खारिज कर दी गई।”

    अधिकारी ने दावा किया कि उपरोक्त संगठन देश की "एकता, अखंडता और संप्रभुता" के लिए खतरा है। साथ ही सार्वजनिक पदाधिकारी होने के नाते यह अदालत के ध्यान में लाना उनका कर्तव्य है।

    खंडपीठ ने केवल समाचार पत्रों की रिपोर्टों के आधार पर दायर की जाने वाली जनहित याचिकाओं की प्रथा पर आपत्तियों पर चर्चा करते हुए और जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर मुकदमेबाजी की बहुलता पर आपत्ति व्यक्त करते हुए अन्य मामले में कहा:

    “मामला 5 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया। मुकदमेबाजी की बहुलता से बचना चाहिए। अंततः सप्ताहांत में अखबारों में रिपोर्टें आएंगी, जिसके परिणामस्वरूप सौ, दो-सौ रिट याचिकाएं आएंगी और फिर कुछ नहीं किया जा सकेगा। कॉल लेना आपके ऊपर निर्भर है। एक ही मुद्दे पर कई याचिकाएं उस मुद्दे को कमजोर कर देंगी, जिस पर यह अदालत पहले ही विचार कर चुकी है... यदि आप इसे कमजोर करते हैं श्रीमान, तो हम इसे 2024 तक के लिए स्थगित कर देंगे। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है... डीएसजी, आपको अच्छे मुद्दे लाने चाहिए। सुबह आप अखबार खोलते हैं, दोपहर तक एफिडेविट की पुष्टि हो जाती है और शाम को दाखिल कर दिया जाता है, अगले दिन सुबह अर्जेंट सुनवाई होती है...नहीं-नहीं सर, ऐसा नहीं हो सकता।'

    केस टाइटल: सुवेन्दु अधिकारी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य

    कोरम: चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य

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