एनडीपीएस एक्ट| भांग के बीज और पत्तियां, जब फूल या फलदार शीर्ष के साथ न हो, केवल तभी उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 2 (iii) (बी) के तहत 'गांजा' की परिभाषा से बाहर रखा जाता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

Avanish Pathak

16 Dec 2022 10:45 AM GMT

  • एनडीपीएस एक्ट| भांग के बीज और पत्तियां, जब फूल या फलदार शीर्ष के साथ न हो, केवल तभी उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 2 (iii) (बी) के तहत गांजा की परिभाषा से बाहर रखा जाता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

    Karnataka High Court

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि भांग के बीज और पत्तियां, जब फलदार या पुष्प शीर्ष के साथ न हो, केवल तभी उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 2 (iii) (बी) के तहत 'गांजा' की परिभाषा से बाहर रखा जा सकता है।

    प्रावधान में कहा गया है- भांग का मतलब गांजा है, यानी भांग के पौधे के फूल या फलदार शीर्ष (बीज और पत्तियां, जब शीर्ष के साथ न हो को छोड़कर)।

    इस आलोक में जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज बेंच ने कहा,

    "केवल पत्ते और बीज साथ ना हों, तो इसे गांजा नहीं माना जा सकता है। गांजा की परिभाषा से बाहर होने के लिए बीज और पत्ते केसाथ शीर्ष और फल नहीं होने चाहिए।"

    कोर्ट ने उक्त टिप्पणियों के साथ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 (ए) (i), 20 (बी) (ii) (ए) के तहत 73 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया। उसके पास से कथित तौर पर 750 ग्राम गांजा पाया गया था।

    कोर्ट ने कहा,

    "शिकायत, विशेष रूप से जब्ती पंचनामा से यह पता चलता है कि याचिकाकर्ता के पास एक बैग था, जो एक पत्ते की तरह लग रहा था, लेकिन इसमें फूल, फलदार शीर्ष, पत्ते और बीज थे। उसी को ध्यान में रखा गया कि बैग में केवल बीज और पत्ते नहीं हैं, बल्कि फूल और फलदार शीर्ष भी हैं, और इसलिए जब्त की गई सामग्री को गांजा के बराबर माना गया।"

    याचिकाकर्ता का मुख्य तर्क यह था कि जब्त सामग्री गांजा नहीं है। इसमें पत्ते और बीज पूरे 750 ग्राम हैं।

    अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि गांजे में पत्ते, फलदार शीर्ष, बीज, तने होते हैं और जब्ती के समय इसे विभाजित नहीं किया जा सकता है। यह तर्क दिया गया कि अगर पत्तियां हटा भी दी जाती हैं तो गांजे की मात्रा कम हो जाएगी और इसलिए, यह अपने आप में आपराधिक कार्यवाही को खत्म करने का आधार नहीं है।

    खंडपीठ ने कहा,

    "एफएसएल ने गांजा होने का संकेत दिया है। ट्रायल कोर्ट ने तीन गवाहों की भी जांच की है। तथ्यों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता का तर्क कि गांजा की जब्त मात्रा धारा 2 (iii) (बी) एनडीपीएस एक्‍ट के तहत गांजा की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आएगी, स्वीकार्य नहीं हो सकता है।"

    फैसले में यह भी कहा कि गांजे के वजन का निर्धारण करने के लिए, छोटी या मध्यम या व्यावसायिक मात्रा के तहत लाने के लिए, इसे बीज और पत्तियों को हटाकर विभाजित नहीं किया जा सकता है और यह आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता है।

    आगे यह जोड़ा गया,

    "यहां तक कि जमानत अर्जी पर विचार करने के उद्देश्य से, यदि गांजे की व्यावसायिक मात्रा जब्त की जाती है तो आरोपी यह दावा करते हुए मध्यम मात्रा के तहत लाने की दलील नहीं दे सकता है कि यह बीज और पत्तियों को छोड़कर यह व्यावसायिक मात्रा नहीं है।"

    केस टाइटल: रंगप्पा बनाम राज्य बासवपटना पीएस

    केस नंबर : क्रिमिनल पेटिशन नंबर 11678 ऑफ 2022

    साइटेशन: 2022 लाइवलॉ (कर) 518

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