केवल आपराधिक मामला लंबित होने से जीवन को गंभीर खतरा होने पर हथियार लाइसेंस देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर

Shahadat

28 Jun 2023 6:18 AM GMT

  • केवल आपराधिक मामला लंबित होने से जीवन को गंभीर खतरा होने पर हथियार लाइसेंस देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर

    केरल हाईकोर्ट में बिजनेसमैन द्वारा उसके 'आर्म लाइसेंस' के नवीनीकरण आवेदन को खारिज करने के जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई।

    जस्टिस पी.वी. कुन्हिकृष्णन की एकल न्यायाधीश पीठ ने मामले को स्वीकार कर लिया और राज्य अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी।

    याचिकाकर्ता तिरुवनंतपुरम जिले और उसके आसपास फ्लैट और विला की निर्माण गतिविधियों में शामिल है। उसने कहा कि उसके व्यवसाय में उसके व्यक्ति और संपत्ति को जोखिम शामिल है, जिसके कारण उसने 'आर्म्स लाइसेंस' के लिए आवेदन किया, जिसमें आत्म-सुरक्षा के लिए पिस्तौल (ए) बंदूक (बी) शामिल है। उसने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद उक्त पिस्तौल को प्राप्त किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसका आर्म्स लाइसेंस 1992 से जारी किया गया और तब से लगातार नवीनीकृत किया गया है।

    याचिकाकर्ता के नवीनीकरण आवेदन पर विचार करते समय अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने आईजी और सिटी पुलिस द्वारा उठाई गई आपत्ति पर ध्यान दिया कि याचिकाकर्ता आपराधिक मामले में आरोपी है। साइबर सुरक्षा विभाग के पुलिस आयुक्त ने भी बताया कि मामले की फिर से जांच की जा रही है और याचिकाकर्ता के जीवन और संपत्ति को कोई खतरा नहीं है।

    अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने यह ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता मामले में अपने बरी होने के संबंध में अदालत का आदेश पेश करने में असमर्थ है, और वह जीवन और संपत्ति के लिए अपने खतरे को साबित करने में भी असमर्थ है, उसका आवेदन खारिज कर दिया।

    याचिकाकर्ता का दावा है कि नवीनीकरण को यांत्रिक तरीके से खारिज कर दिया गया। उन्होंने तर्क दिया कि हालांकि उनके खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है। हाईकोर्ट ने 24 मार्च, 2023 को कार्यवाही रद्द करने के याचिकाकर्ता के आवेदन पर आगे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि उनके जीवन और संपत्ति की गंभीर आशंका को देखते हुए आपराधिक मामला उनके शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण को अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकता है।

    जिला मजिस्ट्रेट के फैसले से व्यथित होने पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने भूमि राजस्व आयुक्त के समक्ष अपील की। हालांकि, उनकी अपील को भी 25 अप्रैल, 2023 के आदेश द्वारा खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उक्त निर्णय भी विकृत और कानूनी रूप से अस्थिर है।

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वह अधिकार के रूप में अपने आर्म्स लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए "कानूनी रूप से हकदार" है, जब तक कि आर्म्स एक्ट की धारा 14 के तहत इनकार करने के लिए कोई विशिष्ट आधार मौजूद नहीं है, जो उन आधारों को निर्धारित करता है जिसके तहत आर्म्स लाइसेंस से इनकार किया जा सकता है।

    याचिका एडवोकेट एस. निखिल शंकर के माध्यम से दायर की गई।

    केस टाइटल: अलेक्जेंडर वडक्कडोम बनाम भूमि राजस्व आयुक्त और अन्य।

    Next Story