केरल उच्च न्यायालय ने महामारी के बीच गुरुवायूर मंदिर को बिना मंजूरी के भव्य रूप से सजाए जाने के लिए व्यवसायी के बेटे की शादी पर स्वत: संज्ञान लिया

LiveLaw News Network

9 Sep 2021 12:19 PM GMT

  • केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट

    केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को गुरुवायुर देवास्वम बोर्ड के प्रशासक को मंदिर में विवाह के आयोजन में COVID -19 प्रोटोकॉल के किसी भी उल्लंघन रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए आगाह किया। यह मामला तब आया है, जब ऑनलाइन मीडिया में प्रमुख व्यवसायी और पद्म श्री सम्‍मानित रवि पिल्लई के बेटे गणेश पिल्लई की शादी के लिए मंदिर को सजाने की एक खबर सामने आई।

    जस्टिस अनिल के नरेन्द्रन और जस्टिस के बाबू राज्य में COVID -19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन की खबर आने के बाद मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। शादी आज गुरुवायुर मंदिर में होगी। इसके लिए मंदिर के पूर्वी द्वार पर भव्य अलंकरण तैयार किए गए हैं, जैसा कि ऑनलाइन रिपोर्ट के साथ संलग्न तस्वीरों से पता चलता है।

    महामारी के बीच उक्त शादी में हजारों लोगों को आमंत्रित करने की शिकायत जिला कलेक्टर से की गई है। कार्यवाही शुरू होने पर गुरुवायूर देवास्वम बोर्ड ने पिछली एक सुनवाई में न्यायालय को सूचित किया था कि कटआउट, पेड़ों की शाखाओं और अन्य अलंकरणों को हटा दिया गया है।

    हटाने के बाद की तस्वीरें भी बेंच के अवलोकन के लिए उपलब्ध कराई गईं। बोर्ड के स्थायी वकील टीके विपिनदास को यह पूछताछ करने का निर्देश दिया गया था कि क्या देवास्वम बोर्ड द्वारा मंदिर के सामने नदप्पंथल को सजाने के लिए विवाह के संबंध में कोई अनुमति दी गई थी या नहीं।

    जब मामला बाद में विचार के लिए आया, तो वकील ने प्रस्तुत किया कि हालांकि बोर्ड ने नदप्पंथल में फूलों की सजावट की अनुमति देने का प्रस्ताव लिया था, उक्त विवाह के लिए, इसे कटआउट और पेड़, शाखाओं से सजाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।

    बोर्ड ने कहा कि प्रत्येक विवाह में वर और वधू को छोड़कर केवल 12 व्यक्तियों को रखने की अनुमति थी।

    प्रस्तुतियां और रिकॉर्ड पर सामग्री पर विचार करने के बाद, गुरुवायूर देवास्वम प्रबंध समिति के प्रशासक को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया था, जिसमें उन तथ्यों और परिस्थितियों की व्याख्या की गई थी जिसमें मंदिर को विशाल कटआउट, पेड़ों की शाखाओं आदि से सजाया गया था, जैसा कि तस्वीरों से देखा गया है।

    प्रशासक को आगे यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया कि गुरुवायूर मंदिर के सामने नदप्पंथल में विवाह के संचालन में COVID-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो। मामले की फिर से सुनवाई 14 सितंबर को होगी।

    राज्य में COVID-19 मामलों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण मामले को इतनी गंभीरता से लिया गया है। सरकार पिछले कुछ महीनों से महामारी को रोकने के लिए कई उपायों को लागू कर रही है। रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि समारोह में राजनीतिक, सिनेमाई और सामाजिक हलकों की प्रमुख हस्तियां भी शामिल होंगी।

    केस शीर्षक: स्वतः संज्ञान बनाम प्रशासनिक अधिकारी, गुरुवायूर देवास्वम बोर्ड

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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