केरल हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़के का 8 साल तक यौन शोषण करने के आरोपी ट्यूशन टीचर को जमानत दी

Shahadat

30 July 2022 5:12 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़के का 8 साल तक यौन शोषण करने के आरोपी ट्यूशन टीचर को जमानत दी

    केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को आठ साल से अधिक समय तक अपने स्टूडेंट का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत पर रिहा कर दिया। कोर्ट ने इस आधार पर जमानत याचिका स्वीकार की कि आरोपी व्यक्ति एक महीने से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में है।

    जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने कहा कि हालांकि प्रथम दृष्टया इस बात के सबूत हैं कि याचिकाकर्ता अपराध में शामिल था, मामले के लिए उसकी निरंतर कैद आवश्यक नहीं है।

    उन्होंने कहा,

    "केस डायरी के अवलोकन से पता चलता है कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता को अपराध से जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री है। हालांकि, याचिकाकर्ता को 21.06.2022 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और वह तब से हिरासत में ही है। मामले की परिस्थितियों में याचिकाकर्ता के हिरासत में रहने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा होने का हकदार है।"

    अभियोजन का मामला यह था कि 2014 से 2022 तक आठ वर्षों की अवधि में ट्यूशन टीचर याचिकाकर्ता ने अपनेघर के बेडरूम और यहां तक ​​कि चर्च के कमरे सहित विभिन्न स्थानों पर अपने स्टूडेंट का यौन उत्पीड़न किया।

    इस प्रकार उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 आर/डब्ल्यू धारा 506(i) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO अधिनियम) की धारा 8 आर/डब्ल्यू धारा 7, धारा 10 आर/डब्ल्यू धारा 9(एफ), 9(एल) और 9(एम) के तहत मामला दर्ज किया गया।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट देवी ने दलील दी कि अभियोजन का पूरा मामला झूठा है। कथित तौर पर कोई अपराध नहीं हुआ है। लड़के ने याचिकाकर्ता पर हमला किया था और वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे 96 टांके लगाने पड़े और शिकायत उक्त घटना का परिणाम है। यह भी प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता को 21.06.2022 को गिरफ्तार किया गया था।

    लोक अभियोजक नीमा जैकब ने जमानत देने का विरोध करते हुए प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता ने गंभीर अपराध किया है। इस समय याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से अभियोजन मामले के साथ-साथ गवाहों पर भी गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

    फिर भी अदालत ने याचिकाकर्ता को निम्नलिखित शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा कर दिया:

    (ए) समान राशि के दो जमानतदारों के साथ 50,000/- रुपये के बांड निष्पादित करने पर जमानत पर रिहा किया जाएगा। उक्त राशि न्यायालय के अधिकार क्षेत्र की संतुष्टि के लिए समान राशि होगी।

    (बी) जब भी आवश्यक हो वह जांच अधिकारी के सामने पेश होगा।

    (सी) वह गवाहों को डराने या प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा; न ही वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और न ही पीड़ित या उसके परिवार के सदस्यों से संपर्क करेगा।

    (घ) जमानत पर रहने के दौरान वह इसी तरह का कोई अपराध नहीं करेगा।

    (ई) वह क्षेत्राधिकार न्यायालय की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेगा।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन शर्तों में से किसी के उल्लंघन किया गया तो कोर्ट को जमानत रद्द करने पर विचार करने और कानून के अनुसार उचित आदेश पारित करने का अधिकार है।

    केस टाइटल: XXX बनाम केरल राज्य

    साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (केरल) 387

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