फ्लिपकार्ट से कस्टमर को गलत उत्पाद मिला: केरल हाईकोर्ट ने पुलिस को एक महीने के भीतर शिकायत का निवारण करने का निर्देश दिया

Shahadat

19 July 2022 8:19 AM GMT

  • फ्लिपकार्ट से कस्टमर को गलत उत्पाद मिला: केरल हाईकोर्ट ने पुलिस को एक महीने के भीतर शिकायत का निवारण करने का निर्देश दिया

    केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में संबंधित जिला पुलिस प्रमुख को याचिकाकर्ता की शिकायत का तेजी से समाधान करने का निर्देश दिया, जिसे फ्लिपकार्ट ने गलत लैपटॉप दे दिया।

    जस्टिस ज़ियाद रहमान एए ने कोट्टायम पुलिस प्रमुख को याचिकाकर्ता की शिकायत लेने और एक महीने की अवधि के भीतर मामले का निवारण करने के निर्देश के साथ याचिका का निपटारा किया।

    याचिकाकर्ता ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट के से एसर एस्पायर 7 कोर i5 के विनिर्देश के साथ लगभग 54,000 रुपये के लैपटॉप का ऑर्डर दिया था, जो फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित एक ई-कॉमर्स इकाई है। उक्त लैपटॉप टेक-कनेक्ट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड नामक विक्रेता द्वारा बेचा जा रहा था।

    हालांकि, शिकायतकर्ता को जो उत्पाद मिला वह I-LIFE Digital नामक कंपनी का लैपटॉप था, जिसकी कीमत केवल 35,000 रुपए है।

    इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने देखा कि फ्लिपकार्ट द्वारा उसे दिए गए टैक्स इनवॉइस के अनुसार, उसे जो लैपटॉप भेजा गया है, वह एसर एस्पायर है, जिसे उसने मूल रूप से ऑर्डर किया था। फिर भी टैक्स इनवॉइस पर दिया गया सीरियल नंबर उस सस्ते लैपटॉप का था, जो उसे मिला था। इसलिए, यह आरोप लगाया गया कि टेक-कनेक्ट रिटेल ने याचिकाकर्ता को धोखा देने के इरादे से जानबूझकर गलत उत्पाद भेजा।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि जब याचिकाकर्ता ने फ्लिपकार्ट के संज्ञान में अपनी शिकायत लाई तो उसके प्रबंध निदेशक ने उसे सूचित किया कि टेक-कनेक्ट रिटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसी आधार पर प्रबंध निदेशक ने भी एफआईआर दर्ज करने की सहमति ली, लेकिन इसे आगे बढ़ाने के लिए कोई कदम या कार्रवाई नहीं की गई।

    तदनुसार, यह तर्क देते हुए कि टेक-कनेक्ट रिटेल ने 35,000 रुपये के लैपटॉप के लिए याचिकाकर्ता से 54,000 रुपए, याचिकाकर्ता ने पुलिस को इसकी शिकायत की।

    अपनी शिकायत में उसने यह भी आरोप लगाया गया कि फ्लिपकार्ट ने संबंधित लैपटॉप का आयात किया था, इसलिए फ्लिपकार्ट ने टेक-कनेक्ट रिटेल के साथ मिलकर उसे धोखा देने की साजिश रची। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस अधिनियम में फ्लिपकार्ट के शामिल होने के उनके झुकाव की पुष्टि उन्हें भेजी गई टैक्स रसीद से हुई, जिसमें कहा गया कि उन्हें दिया गया लैपटॉप एसर एस्पायर का है।

    इसलिए, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि फ्लिपकार्ट और टेक-कनेक्ट रिटेल ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 415, 417, 420 और 120 बी के तहत दंडनीय अपराध किया है।

    हालांकि, चूंकि पुलिस अधिकारियों ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    याचिकाकर्ता के लिए एडवोकेट अरुण मैथ्यू वडक्कन और डॉन पॉल पेश हुए। उन्होंने बताया कि इसी संबंध में शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत को उजागर करते हुए जिला पुलिस प्रमुख के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी, क्योंकि स्टेशन हाउस अधिकारी उनकी शिकायत पर उचित कार्रवाई करने में विफल रहे।

    इसलिए, जिला पुलिस प्रमुख द्वारा उक्त शिकायत पर विचार करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया।

    मामले में लोक अभियोजक सुधीर गोपालकृष्णन पेश हुए।

    सभी प्रासंगिक इनपुटों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने यह विचार किया कि याचिकाकर्ता की शिकायत को लेने के लिए पुलिस प्रमुख को निर्देश देकर याचिका का निपटारा किया जा सकता है और संबंधित अधिकारियों को उनकी शिकायत का यथाशीघ्र निवारण करने के लिए उचित निर्देश जारी किया जा सकता है। इस संबंध में एक माह के भीतर उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया गया।

    केस शीर्षक: एबी थॉमस बनाम पुलिस महानिदेशक और अन्य।

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